महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ में लोगो की मौत की घटना के पीछे कोई साजिश होने की आशंका जताए जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अलावा यूपी एटीएस और एसटीएफ की टीमें भगदड़ कराने के जिम्मेदार माने जा रहे युवाओं के समूह को तलाश रही हैं। बता दें कि इस प्रकरण की जांच के लिए राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन भी किया है।
दरअसल, भगदड़ के बाद तमाम पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान दिया है कि उन्हें युवाओं के एक समूह द्वारा लगातार धक्का मारा जा रहा था जिससे हालात बिगड़े और लोग खुद को बचाने के लिए आगे वालों को धक्का मारने लगे। इससे कुछ लोग गिर पड़े और भीड़ उनके ऊपर से होकर गुजरने लगी। इससे 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 37 घायल हुए। इसी तरह झूंसी इलाके में भी भगदड़ हुई। इन दोनों घटनाओं के पीछे अराजक तत्वों की भूमिका की जांच के लिए अब सारे सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं, जिसमें उन युवकों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्हें घटना का जिम्मेदार माना जा रहा है।
रेहड़ी वालों से भी पूछताछ
इस मामले की जांच के लिए एटीएस और एसटीएफ की टीमें महाकुंभ में रेहड़ी लगाने वालों, पूजन सामग्री, चूड़ी आदि बेचने वालों से भी पूछताछ कर रही है ताकि कोई अहम सुराग हाथ लग सके। फिलहाल महाकुंभ मेला क्षेत्र में अब पूरी सतर्कता बरती जा रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था एवं एसटीएफ अमिताभ यश प्रयागराज में ही कैंप कर रहे हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस हादसे के हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है। आसपास के इलाके के सारे सीसीटीवी और ड्रोन कैमरा की फुटेज को खंगाला जा रहा है। फिलहाल हमारी प्राथमिकता बाकी अमृत स्नान को सकुशल संपन्न कराना है, जिसके बाद जांच में तेजी लाई जाएगी।
Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی
@pankhuripathak
महाकुंभ में भगदड़ में कई लोगों की जान जाने व घायल होने की दुःखद खबर आ रही है।
कई दिन से लगातार भारी भीड़ और अव्यवस्था की खबर व वीडियो आ रही थी, लोग कह रहे थे कि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो अनहोनी हो सकती है… लेकिन सरकार अपने PR में मस्त रही और व्यवस्था सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जिसका दुखद परिणाम हमारे सामने है ।