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महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष में 251 कलश की कलश यात्रा निकाली गई : #बांसवाड़ा #राजस्थान से #धर्मेन्द्र कुमार सोनी की रिपोर्ट!

कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र कुमार सोनी

कुशलगढ़, कलश यात्रा का मूल्य उद्देश्य जल और जंगल को संरक्षित और सुरक्षित करना है। जंगल ही धरती पर जल लाने की व्यवस्था करता है और जल जंगल को बचाता है* ।,,,,,, * आचार्य योगेंद्र याज्ञिक* ,,,,,,,,, आज दिनांक 27 दिसंबर 2024 को महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष में आयोजित सनातन सांस्कृतिक महासम्मेलन में 251 कुंडिय विराट धर्म रक्षा महायज्ञ का प्रारंभ 251 कलश की कलश यात्रा निकाली गई।

कलश यात्रा की शुरुआत बिहारी मंदिर पर सभी गांव और शहर से भक्तजन इकट्ठे हुए। कलश यात्रा का शुभ्रारंभ स्वामी विश्वामित्र के शुभ आशीर्वाद से बिहारी मंदिर से शुरू की गई। कलश यात्रा बिहारी मंदिर से होते हुए पिपली चौराहे पहुंची गली के अंदर रहने वाले हर व्यक्ति के कलश यात्रा का स्वागत पुष्पवर्षा कर ज़ोरदार तरीके से स्वागत किया गया पिपली चौक से कलश यात्रा मामाजी की मूर्ति पर पहुंची वहां पर धोभी समाज और आसपास रहने वाले लोगों ने उप चेयरमैन नितेश बैरागी के नेतृत्व में स्वागत किया गया।

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जैसे ही कलश यात्रा पॉवर हाउस के पास पहुंची हरिजन समाज ने स्वागत किया उसके आगे वाल्मीकि समाज ने स्वागत किया, लॉटरी क्लब के सदस्यों ने स्वागत किया , कलश यात्रा जैसे ही नागनाथ महादेव मंदिर मुख्य गेट पर पहुंची वहां पर पाटी, कुशलापाड़ा, भगतपुरा, खेड़ली के भक्तजनों ने फूल बरसाकर स्वागत किया।

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कलश यात्रा चन्द्र शेखर आज़ाद स्टेडियम में स्वामी दयानंद सरस्वती के दर्शन करते हुए मुख्य कुंड पर पहुंची वहां से सभी माताओं और बहनों से मुख्य कुंड से कलश रखना शुरू किया उसके बाद जिन जिन माताओं और बहनों ने कलश यात्रा में भाग लिया था उन्होंने जहां पर कलश की स्थापना की उस हवन कुंड को फूल और रंगोली बनाकर सजाया।

मुख्य यज्ञशाला को दिल्ली, टंकारा, आबूरोड, अजमेर, जोधपुर,,के ब्रह्मचारीयो द्वारा पीपल केले और आम के पत्तों से तैयार किया गया है। कलश यात्रा श्रीमती ज्योत्सना पंड्या के नेतृत्व में निकाली गई उन्होंने कहा कि कलश में सारे देवता विराजमान होते हैं और कलश को महिलाओं के सिर पर रखकर भ्रमण करने से धरा सिद्ध होती है। जो कलश को धारण करता है उसकी आत्मा भी पवित्र हो जाती है। इसीलिए कलश यात्रा निकाली जाती है।

कलश यात्रा टीम में मुख्य रूप से चंचल बेन त्रिवेदी, हेमलता टेलर, चेतना चौहान, तरुणा पंड्या, विजयपाल सिंह और मनीषा निभा के नेतृत्व में हर चौराहे पर स्वागत टोलीया बनाई ओर उन्होंने जगह जगह स्वागत किया।

राजस्थान आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रदेश महामंत्री आचार्य जीववर्धन जी शास्त्री ने बताया कि 251 कुंडली महायज्ञ की शुरुआत कलश यात्रा से शुरू की गई है मुख्य कार्यक्रम 28 और 29 दिसंबर को रखा गया है जिसमें 28 दिसंबर को 1008 जोड़े यजमान बनेंगे और 29 दिसंबर को 1008 जोड़े यजमान बनेंगे 28 दिसंबर को सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक हवन यज्ञ होगा 12 से 3:00 बजे तक सनातन सांस्कृतिक महासम्मेलन होगा 3.00 से 6:00 बजे तक दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश गुजरात और राजस्थान के गुरुकुल के विद्यार्थी आर्य वीर दल का शक्ति प्रदर्शन करेंगे 6.00 से 9:00 बजे तक स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन होगा रात्रि 9.00 से 12:00 बजे तक विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए भजनोपदेशक भजन संध्या रहेगी ,,,,, प्रखंड विद्वान पंडित आचार्य योगेंद्र याज्ञिक,,,, ने बताया कि कलश यात्रा का मूल्य उद्देश्य जल और जंगल को संरक्षित और सुरक्षित करना है।

जंगल ही धरती पर जल लाने की व्यवस्था करता है और जल जंगल को बचाता है। कार्यक्रम प्रभारी आचार्य दयासागर ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले इन प्रोग्राम में देश प्रदेश की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल होगी और उन हस्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा स्वामी चेतनानंद सरस्वती ने बताया कि ऐसे भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है। कलश यात्रा में तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 करोड़ देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं।

वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहां की धरा स्वयं सिद्व होती जाती है। कलश को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही यह सुरक्षात्मक के रूप में भी कार्य करता है। कार्यक्रम में राजस्थान आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान किशन लाल गहलोत, पूर्व संसदीय सचिव भीमाभाई डामोर, स्वामी प्रवणनंद महाराज नई दिल्ली आचार्य ओम महाराज उड़ीसा, आचार्य सुरेश महाराज और आचार्य राकेश महाराज छत्तीसगढ़,,पूर्व बैंक मैनेजर सरदार सिंह कटारा, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रूपजी बारिया, वनवासी संघ के जिला अध्यक्ष विजय सिंह देवदा, धर्मेंद्र कंसारा, कैलाश जी राव, आश्रम प्रधान धर्मेंद्र आर्य, भारत सिंह डिंडोर, अजय निगम, मुकेश अग्रवाल, भानु प्रताप मईडा, राकेश देवदा, रजनीकांत खाब्या हंसमुख सेठ कैलाश कर्मठ पंडित हरिओम महाराज सहारनपुर, ॐ प्रकाश आर्य, हरीश शास्त्री, डॉ जोहान सिंह देवदा, दोलसिंह डामोर, भावचंद कटारा, धीरज डामोर, संजय खराड़ी, फतेहसिंह देवदा, देवीलाल देवदा, रमेश चंद्र सुरावत,आदि कार्यकर्ता मौजूद थे। यह जानकारी कार्यक्रम मीडिया प्रभारी केसर सिंह डामोर ने दी।