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मल्लिकार्जुन खरगे ने गुजरात में बढ़ती आत्महत्या की दर पर चिंता जताई-पिछले तीन वर्षों में 495 छात्रों समेत 25,478 लोगों ने आत्महत्या की!

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को गुजरात में बढ़ती आत्महत्या की दर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पेश किए गए आत्महत्या के आंकड़े परेशान करने वाले हैं। जिस पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। बता दें कि राज्य विधानसभा में बीते सोमवार को आत्महत्या के आधिकारिक आंकड़े पेश किए गए। जिनमें बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में 495 छात्रों सहित 25,478 लोगों ने अपने जीवन को समाप्त किया है।

खरगे ने अपने बयान में कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इन घटनाओं के पीछे खासतौर पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां, गंभीर शारीरिक बीमारियां, पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट और परीक्षाओं में असफल होने जैसे कारण शामिल हैं। यह गंभीर वास्तविकता गुजरात में भाजपा सरकार की उन सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने की विफलता दिखाती है, जिनसे हमारे लोग जूझ रहे हैं।
बयान में कहा गया कि खासतौर पर राज्य के अहमदाबाद में 3320, सूरत में 2862 और राजकोट में 187 आत्महत्याएं चिंताजनक हैं। अकेले अहमदाबाद में 3,280 आत्महत्या के मामले सामने आना दिखाता है कि इस संकट की मूल वजहों को संबोधित करने के लिए नीतियों को प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया।

उन्होंने कहा, इन मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की तत्काल जरूरत है। जिस पर अभी तक सरकार का बिल्कुल ध्यान नहीं गया है। प्रधानमंत्री एक तरफ तो सेमीकंडक्टर संयंत्रों को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं, लेकिन अपने ही गृह राज्य में इस गंभीर मानव त्रासदी पर पूरी तरह चुप हैं। देश को अगर सेमीकंडक्टर की जरूरत है तो बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय सहायता कार्यक्रमों और शैक्षणिक सहायता प्रणालियों की भी उतनी ही जरूरत है।

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार से हेल्पलाइन सेवाओं की प्रभावशीलता का फिर से मूल्यांकन करने और जरूरतमंद लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता प्रदान करने में अधिक संसाधनों का निवेश करने का आग्रह करती है। कांग्रेस इन आत्महत्याओं से जुड़ी परिस्थितियों की गहन और पारदर्शी जांच की मांग करती है।