साहित्य

मनुष्य को यदि जीवन में सफ़ल होना है तो उसे अपने विचारों को सशक्त बनाना होगा : लक्ष्मी सिन्हा का लेख!

Laxmi Sinha
==============
मनुष्य की नियति उसके विचारों की दशा-दिशा
से निर्धारित होती है। ऐसा इसलिए,क्योंकि जैसी
विचार होंगी,कर्म भी उसी दिशा में होंगी और जिस
दिशा में कर्म होंगी, परिणाम भी उसके अनुरूप ही
प्राप्त होंगी। यही कारण है कि मनुष्य जैसा सोचता-
विचारता है वह वैसा ही बनता जाता है। इसलिए
सोच सही होगी तो जीवन में सुख से साक्षात्कार
होती रहेगी। स्पष्ट है कि मनुष्य को यदि जीवन में
सफल होना है तो उसे अपनी विचारों को सशक्त
बनाना होगा। इसके लिए सकारात्मक सोच रखना
अपरिहार्य है। सकारात्मक सोच के परिणाम सदैव
सुखद होती है। इससे जीवन आनंदमय बनता है।
अच्छे विचारों से ही हम बेहतर कार्य कर पाते हैं।
विश्वबंधुत्व, एकता और सभी प्राणियों के प्रति
करुणा की भावना का विकास भी इसी दृष्टिकोण
से संभव है। वास्तविक यही है कि हमारे अंतस
मैं उत्पन्न विचार बाह्य दुनिया में अभिव्यक्त
होकर हमारे चारित्रिक गुणों को प्रदर्शित करती है।
अच्छे विचारों की निर्मिति के लिए उचित परिवेश
आवश्यक है, जिसमें पहली पाठशाला परिवार से
निकर गुरुजन, संगीत और पुस्तकों की महत्वपूर्ण
भूमिका होती है। हमें उनके सान्निध्य में अपनी
विचारों की शक्ति को प्रखर करते रहना चाहिए।

#Laxmi_sinha
प्रदेश संगठन सचिव सह प्रदेश मीडिया प्रभारी
महिला प्रकोष्ठ राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बिहार