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**प्रीत की सब रीत झूठी** और **गूँज उठी शहनाई**….कुसुम सिंह सुनैना की दो कवितायेँ पढ़िये!
Kusum Singh अध्यापिका दिल्ली सरकार Lives in Delhi, India From Gaya, India ========== प्रीत की सब रीत झूठी —–———————– पीर पारावार भरो प्रिय! हृदयतल विस्तृत में, कुछ नयन मग से बहायो, कुछ रच बहायो काव्य में। सासों संग सौरभ समाया, तेरे सुवासित देह का, कुछ दौड़े हैं धमनियां, कुछ हुआ मधुमास का। अँचरा भरा प्रिय, […]
मानो जब झूठ फुसफुसाता है, भीख मांगता है, तब हम दहाड़ते हुए दम तोड़ ही देते है…By-भारद्वाज दिलीप
भारद्वाज दिलीप ================= ८८दिन के ध्यान के बाद आज ______________________ मानो जब झूठ फुसफुसाता है, भीख मांगता है, कहानियों को सच होने के लिए मजबूर करता है। तब हम दहाड़ते हुए दम तोड़ ही देते है। और जब झूठी आत्मा भी मरने लगती हैं, और एक समय बाद फिर एक सत्य की शांति उड़ती धीरे-धीरे […]
स्वार्थी भाई : ● उधेड़ कर रख दिया
Komal Kumari ========== स्वार्थी भाई बाबू जी छः भाईयों में सबसे छोटे थे। एक एक करके सभी भाई अलग हो गए,पर बड़े भाई साथ में ही रहते थे। वो कानपुर में रेल्वे में नौकरी करते थे। उनका परिवार बाबूजी के साथ ही रहता था। बाबू जी ने उनके दो बेटों और एक बेटी को पढ़ाया […]