मध्य प्रदेश राज्य

मध्यप्रदेश में परिणाम आने के छह दिन बाद भी भाजपा अपना मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई, इंतज़ार और बढ़ा!

मध्यप्रदेश में परिणाम आने के छह दिन बाद भी भाजपा अपना मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई और अब इसके लिये विधायकों को सोमवार तक का इंतज़ार करना पड़ेगा.

भोपाल में विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी और इसके लिये केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्त शुक्रवार को कर दी गई थी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के उन क्षेत्रों में जा रहे हैं जहां पर पार्टी को कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा है.

शिवराज सिंह चौहान ने राघौगढ़ में कहा कि वो लोकसभा चुनाव के प्रचार पर निकल चुके हैं. उन्होंने कहा, “मामा और भैया से बड़ा कोई पद नहीं होता.”

उधर, भाजपा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, के. लक्ष्मण और आशा लाकड़ा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.

यह बैठक दिसंबर 11 को शाम सात बजे रखी गई है.

मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल नेता दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मिल रहे हैं. दौड़ में शामिल प्रहलाद पटेल दिल्ली से भोपाल लौट आए हैं.

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री का फैसला हो जाएगा. इसमें देरी का वजह संसद सत्र चलना है.

वहीं उन्होंने ख़ुद के मुख्यमंत्री बनने पर कुछ नहीं बोला लेकिन कहा कि प्रदेश के नंबर एक का राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.

19 साल के बाद यह पहला मौका है जब केंद्रीय पर्यवेक्षकों को प्रदेश में मुख्यमंत्री के चुनाव के लिये भेजा जा रहा है.

शुरैह नियाज़ी

बीबीसी हिंदी के लिए, भोपाल से