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गोपी की दशा : कान्हा का स्नान….!!देवराज बंसल के लिखे भजन!!
Dev Raj Bansal ============== गोपी की दशा सुबह-सुबह ही उठकर मैंने गैया के धनी निचोड़ी दूध दिया था कम ही उसने हंडिया भरी थी थोड़ी तभी मेरा माथा ठनका था दूध बिलोने लगी थी जब टूट गई है डोरी अब कैसे अपने कन्हैया को कर आऊंगी माखन चोरी तभी मेरा माथा ठनका था अभी उजाला […]
मैं अपनें आस पास जितने भी लोगों को देखती हूं उनमें बिलकुल शांत और ख़ुश मुझे कोई भी नहीं दिखाई पड़ता लेकिन…
मनस्वी अपर्णा =========== #थोड़ा_है_थोड़े_की_ज़रूरत_है जावेद अख़्तर साहब का एक बड़ा मशहूर शेर है उसी से अपनी बात शुरू करती हूॅं शेर कुछ यूं है..….. सबका खुशी से फासला एक क़दम है हर घर में बस एक ही कमरा कम है ये शेर और इसका मफहूम हमारी ज़मीनी हक़ीक़त है, मैं अपनें आस पास जितने भी […]
तुझको जीना, जी कर लिखना, लिख कर पढ़ना, पढ़ कर रोना….
Muskan Sharma =============== · जा तुझे भी इश्क़ हो। तुझको देती हूँ दुआएं जा तुझे भी इश्क़ हो, दर्द तुझको भी सताएं जा तुझे भी इश्क़ हो। नींदें भी उड़ जाएं तेरी तू भी हो बेचैन कुछ ख़्वाब तेरा मुहं चिढाएं जा तुझे भी इश्क़ हो। नाम सुनकर इश्क़ का धड़के तेरा दिल ज़ोर से, […]