नई दिल्ली (राजा ज़ैद खान) । अखलाक के यहाँ बरामद मीट बीफ था या मटन था इसको लेकर पेच फंस गया है । अखलाख की हत्या के तुरंत बाद दादरी लैब में भेजे गए मीट के सेम्पल पर दादरी लैब ने अपनी रिपोर्ट में उसे मटन करार दिया था वहीँ मथुरा की फॉरेंसिक लैब ने अपनी रिपोर्ट में उसे बीफ करार दिया है । अब सवाल यह उठता है कि कौन सी रिपोर्ट सही है और दादरी लैब में जांच में पाया गया मटन मथुरा लैब में बीफ कैसे बन गया ।
इसमें सबसे बड़ा पेंच यही है कि क्या जेल में बंद अख़लाक़ के कातिलों का केस कमज़ोर करने के लिए मथुरा लैब को भेज गया मीट का सैम्पल बदल दिया गया था और मटन के पीस की जगह गौमांस रख दिया गया ? क्या वाकई अख़लाक़ की हत्या मामले में जेल में बंद लोगों को छुड़ाने की साजिश हो रही है ?
आज प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी देश की राजनीति में गुबार पैदा करने वाले दादरी कांड मामले में पीड़ित के घर में मिले गोश्त के गोमांस होने सम्बन्धी फोरेंसिक रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मांस का वह सैम्पल कहां मिला। उसके घर पर कोई चीज ऐसी नहीं थी, जिस पर आपत्ति हो। फ्रिज में नहीं थी, आप आपत्ति नहीं कर सकते। उस मामले पर सबकी नजर है। सब चाहते हैं कि परिवार को न्याय मिले। उस परिवार में हत्या हुई है। जब हत्या हुई थी तब दुनिया में बहस छिड़ी थी कि कौन क्या खाता है, कौन क्या पहनता है, कौन क्या भाषा बोलता है। मैं समझता हूं कि इन विवादों से दूर रहना चाहिए।’
वहीँ बीबीसी की एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया है कि मोहम्मद अख़लाक़ की हत्या के मामले में जिस रिपोर्ट का हवाला देकर ये कहा जा रहा है कि मीट का सैंपल गोमांस था, वो सैंपल अख़लाक़ के घर से नहीं मिला था ।
नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किरन एस ने बीबीसी से कहा है, ‘मथुरा लैब की जिस नई रिपोर्ट की बात की जा रही है, उस रिपोर्ट में जांच का सैंपल मीट अख़लाक के घर से नहीं बल्कि घर के पास एक ट्रांसफ़ार्मर के नज़दीक मिला था । ‘उन्होंने कहा, ‘मोहम्मद अख़लाक का शव भी वहीं पाया गया था । ‘