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मणिपुर में महिलाओं की निर्वस्त्र परेड, गुजरात क़त्ले आम पार्ट-2 : मणिपुर में 200 से ज़्यादा ऐसी घटनाएं हुई हैं, सामूहिक क़ब्रों में दफ़्न कर दिया बेटियों को : रिपोर्ट

मणिपुर में एक नहीं 200 से ज़्यादा हुई हैं ऐसी घटनाएं, सामूहिक क़ब्रों में दफ़्न कर दिया बेटियों को, मोदी की चुप्पी से कट्टरपंथियों का बढ़ा मनोबल!

भारत का मणिपुर राज्य जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहां से जिस तरह की विचलित कर देने वाली वीडियोज़ और तस्वीरें सामने आ रही हैं उससे ऐसा महसूस होता है कि जैसे इस राज्य में क़ानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं है। वहीं मोदी सरकार भी इसपर केवल इसलिए चुप्पी साधे है क्योंकि वहां उन्हीं की पार्टी की सरकार है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया जा रहा है। भारत के लगभग सभी मीडिया ग्रुपों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह वीडियो मणिपुर में बीते 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के एक दिन बाद का है। घटना बीते 4 मई को कांगपोकपी ज़िले के ‘बी फैनोम’ गांव में हुई थी। घटना के संबंध में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। वहीं अब स्वयं इस राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस बात को स्वीकार किया है कि इस तरह की 100 के ऊपर घटनाएं हुई हैं। वहीं एक आदिवासी महिला कार्यकर्ता ने तो बहुत ही सनसनीखेज़ ख़ुलासा किया है। उनका कहना है कि कट्टरपंथियों के पास अचानक से आधुनिक हथियार कहां से आए हैं? इसके बारे में कोई जवाब देने वाला नहीं है। आदिवासी महिला कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि लगभग 200 लड़कियों का बलात्कार हुआ है, जिसमें छोटी-छोटी बच्चियां भी शामिल हैं। उनके अनुसार बलात्कार की घटना अंजाम देने के बाद उन पीड़ित बच्चियों को जेसीबी से गड्ढा खोदकर उन्हें दफ़्न कर दिया गया।

वहीं दो महीने से ज़्यादा समय से मणिपुर में जारी हिंसा पर न भारतीय मीडिया अपनी ज़बान खोल रहा था और न हीं केंद्र की मोदी सरकार। विपक्ष लगातार इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा था, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी तो मणिपुर भी गए, जिसपर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति भी जताई थी। राहुल गांधी ने वहां पीड़ितों से मुलाक़ात की थी, उनके साथ समय बिताया था और दिल्ली वापसी पर सरकार से कई सवाल पूछे थे। उन्होंने मणिपुर की स्थिति पर खेद जताते हुए सरकार से तुरंत एक्शन लेने की अपील भी की थी। लेकिन इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी अमेरिका तौ कभी फ्रांस और संयुक्त अरब इमारात के दौरों पर व्यस्त रहे। साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा पर एक भी शब्द नहीं कहे। वहीं उनके मंत्री और उनकी पार्टी के नेताओं ने भी इसपर चुप्पी साधी हुई थी। अब जब मोदी ने मानसून सत्र के आरंभ होने से पहले इसपर बोला है तो उन्होंने मणिपुर के साथ-साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम लेकर राजनीतिक को हवा भी दे दी है। वहीं सोशल मीडिया पर मोदी की चुप्पी और उनकी क़रीबी केंद्रीय महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी की ख़ामोशी पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।


मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र परेड कराने की दिल दहला देने वाली घटना, फिर महसूस हुई गुजरात क़त्ले आम की टीस

भारत के राज्य मणिपुर में जहां मई महीने से दंगे हो रहे हैं एक हृदय विदारक घटना हुई है। दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर परेड कराई गई और कथित रूप से उनके साथ गैंग रेप भी किया गया।

इस घटना के बाद आठ सौ से एक हज़ार लोगों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज किया गया है।

मणिपुर में ईसाई धर्म मानने वाले कूकी समुदाय और हिंदू धर्म मानने वाले मीती क़बीलों के बीच तीन मई से दंगे जारी हैं जब मीती क़बीले को सरकारी नौकरियों के कोटे और दूसरी सुविधाएं देने का आश्वासन दिलाया गया जिससे कूकी क़बीले में गहरा आक्रोश फैल गया।

यूरोपीय संघ की संसद ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी के शासन के दौरान म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर में हिंसा के नतीजे में कम से कम 120 लोग मारे गए और 50 हज़ार से अधिक बेघर हुए जबकि इस बीच 1700 से अधिक घरों और 250 से अधिक गिर्जाघरों को आग लगा दी गई।

स्क्रोल डाट इन समाचार वेबसाइट ने एक वीडियो जारी की जिसमें कई लड़कों को दिखाया गया जो निर्वस्त्र लड़कियों के साथ चल रहे थे और कुछ दूसरे लोग उन लड़कियों को खेतों में घसीट रहे हैं।

वेबसाइट का कहना है कि उसने वीडियो में नज़र आने वाली दो महिलाओं में से एक से बात की जिसने बताया कि यह घटना 4 मई की है जब कांग पोकपी ज़िले में झड़पें हो रही थीं।

महिला ने बताया कि हमें यह मालूम हुआ कि मीटी क़बीले के लोग क़रीबी गांव को जला रहे हैं जिसके बाद मैं और मेरे परिवार के लोग दूसरे लोगों के साथ भागने की तैयारी करने लगे लेकिन मीटी क़बीले की भीड़ ने हमें ढूंढ लिया।

महिला ने बताया कि भीड़ ने हमारे पड़ोसी और उसके बेटे को मार डाला और फिर महिलाओं से कपड़े उतारने को कहा और जान से मार देने की धमकी देते हुए हमारे कपड़े उतरवा दिए।

स्क्रोल डाट इन ने बताया कि जीवित बच जाने वालों में से एक के रिश्तेदारों ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है और बताया है कि एक महिला के साथ गैंग रेप किया गया।

पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार गांव के पांच निवासियों को निशाना बनाया गया जो ख़ुद को बचाने के लिए जंगल की तरफ़ भाग रहे थे।

इस ग्रुप में दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं। इनमें से तीन का तअल्लुक़ एक ही परिवार से था जिनमें एक 56 वर्षीय पुरुष और उसका 19 वर्षीय बेटा था। महिलाओं की उम्र 21 साल, 42 साल और 52 साल थी। यह लोग भीड़ के डर से भाग रहे थे। पुलिस ने उन्हें बचाया मगर फिर भीड़ ने पुलिस से उन्हें छीन लिया। बूढ़े व्यक्ति उसके बेटे की भीड़ ने हत्या कर डाली और 21 साल की लड़की का गैंग रेप किया।

इससे पहले भाजपा के राज में गुजरात में मुसलमानों को क़त्ले आम किया गया गया था और मुस्लिम महिलाओं के साथ बड़ी दरिंदगी की थी, बिलक़ीस बानो नाम की महिला इसकी मिसाल है जिसके बलात्कारियों को भाजपा शासन में रिहा किया गया और बलात्कारियों का भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया।

source : paras today hindi