मणिपुर में क़रीब डेढ़ दर्ज़न पुलिस थानों से हथियार लूट लिए, सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ इन हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है : रिपोर्ट
Parvez KhanComments Off on मणिपुर में क़रीब डेढ़ दर्ज़न पुलिस थानों से हथियार लूट लिए, सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ इन हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है : रिपोर्ट
Manipur Violence: सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वहां पुलिस थानों से लूटे गए हथियार अब उपद्रवियों के हाथों में पहुंच गए हैं। सुरक्षा बलों के खिलाफ इन हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। चुराचांदपुर में रिजर्व बटालियन के दो जवान घायल हुए हैं। यहां जो अलग-अलग एनकाउंटर हुए हैं, उनमें उपद्रवियों के हाथों में लूटे गए हथियार बताए गए हैं
मणिपुर की हिंसा अभी थमी नहीं है। भले ही वहां पर सेना, असम राइफल और सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाल लिया है, मगर उनके समक्ष नई चुनौतियां आ रही हैं। उपद्रवियों द्वारा जगह-जगह पर खड़ी की गई बाधाएं, सुरक्षा बलों का रास्ता रोक रही हैं। जिस रफ्तार से सुरक्षा बलों को आगे बढ़ना चाहिए था, वह संभव नहीं हो पा रहा है। उपद्रवियों ने करीब डेढ़ दर्जन पुलिस थानों से हथियार लूट लिए हैं। ऐसे हथियारों की संख्या 350 से अधिक बताई गई है। उपद्रवियों की हिंसा का सबसे ज्यादा असर सीआरपीएफ पर हुआ है। सीआरपीएफ कोबरा के एक जवान की मौत हुई है। इसके अलावा बल के जवानों और अधिकारियों के आवास में आग लगाई गई है।
Ashok Swain @ashoswai In Manipur, India, at least 25 churches have been burned down by the majoritarian mob
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‘सेकंड इन कमांड’ फिलिप का पूरा घर जला दिया गया है। वाहनों को आग लगा दी गई है। इंफाल से करीब साठ किलोमीटर दूर स्थित गांव तिकांई खुनो में पचास से ज्यादा घर जला दिए गए।इनमें भी कई जवानों के मकान थे। सीआरपीएफ मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। कुछ समय बाद ही नुकसान की सही स्थिति का पता चल सकेगा।
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सुरक्षा बलों के खिलाफ हो रहा हथियारों का इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वहां पुलिस थानों से लूटे गए हथियार अब उपद्रवियों के हाथों में पहुंच गए हैं। सुरक्षा बलों के खिलाफ इन हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। चुराचांदपुर में रिजर्व बटालियन के दो जवान घायल हुए हैं। यहां जो अलग-अलग एनकाउंटर हुए हैं, उनमें उपद्रवियों के हाथों में लूटे गए हथियार बताए गए हैं। सैतोन और तोरबुंग इलाके में भी इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। शुक्रवार दोपहर को सीआरपीएफ कोबरा कमांडो चोंगखोलेन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा ‘सेकंड इन कमांड’ फिलिप के घर पर हमला किया गया। सीआरपीएफ के कई दूसरे जवान और अफसर जो मणिपुर के बाहर कहीं तैनात हैं, उनमें से कई लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया गया है। गंभीर स्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ ने अपने उन जवानों और अफसरों के लिए आदेश जारी किया है, जो छुट्टी के बाद मणिपुर में वापस लौट रहे हैं। इनमें कहा गया है कि वे जवान अपने निकटवर्ती किसी भी कैंप में ठहर जाएं। बल मुख्यालय भी अपने स्तर पर ऐसे जवानों से संपर्क कर रहा है। सीआरपीएफ के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। मणिपुर में सीआरपीएफ की 27 कंपनियों के अलापा आरएएफ की भी दस कंपनियां पहुंच चुकी हैं।
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जवानों को भूखे पेट उपद्रवियों से निपटना पड़ा
सुरक्षा बलों की मूवमेंट में आ रही दिक्कतों के बारे में एक अधिकारी का कहना है कि वहां अनेक स्थानों पर रोड बाधित किए गए हैं। जब तक सुरक्षा बल, उस बाधा को हटवाते हैं, तो दूसरी जगह पर हिंसा की घटना हो जाती है। ऐसी घटनाएं, पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा हो रही हैं। हालांकि मणिपुर में सेना और असम राइफल भी पहुंच चुकी है, लेकिन उनकी तैनाती में समय लग रहा है। मुख्य मार्ग से दूर दराज के इलाकों में रोड बाधित होने के कारण वहां पर सुरक्षा बल नहीं पहुंच पा रहे हैं। पहाड़ी इलाकों में उपद्रवी, हिंसा करते हैं और तुरंत भाग जाते हैं। जब तक सुरक्षा बल वहां पहुंचते हैं वे किसी दूसरी जगह पर आगजनी कर देते हैं। अधिकांश सुरक्षा बल, शहरों में तैनात हैं, लेकिन पहाड़ की तरफ उपद्रवियों पर अभी किसी का नियंत्रण नहीं है। मणिपुर में पहुंचने के बाद सीआरपीएफ सहित दूसरे बलों को 24 घंटे तक खाने-पीने की बड़ी दिक्कत हुई। जवानों को भूखे पेट उपद्रवियों से निपटना पड़ा। सभी बलों के सेंटरों पर पहले से ही जवान ठहरे हुए थे। इसके बाद कोई भी नई कंपनी आई, उसके रहने और खाने पीने का ठोस इंतजाम नहीं हो सका। सरकार ने मोबाइल नेटवर्क बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन किसी एक कंपनी का नेटवर्क कथित तौर पर चलता रहा। इस वजह से उपद्रवियों ने अपने टारगेट को लेकर आसानी से संदेशों का आदान-प्रदान कर दिया।
Manipur violence – Kuki women came out on the streets, formed a human shield and protected the Meitei from an angry mob in Churachandpur.
This was while Indian army was evacuating civilians. The women formed a wall and did not allow a mob of angry Kuki agitators to proceed… pic.twitter.com/wUpTmmUYrZ
इस बीच मणिपुर सरकार ने हिंसा में जान गंवाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। बताया गया है कि अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में 54 लोगों की मौत हुई है।अनाधिकारिक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा बताया गया है।
इस बीच इंफाल घाटी में शनिवार को मार्केट और दुकानें खुल रही हैं। साथ ही सड़कों पर भी कुछ वाहन दिखाई दिए। इस बीच राज्य में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद दिखाई दी। अब तक राज्य में सुरक्षाबलों के 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। इस कड़ी सुरक्षा के चलते इंफाल में लोग सड़कों पर दिखने लगे हैं।
बताया गया है कि हिंसा में जिन 54 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 16 के शव चुराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं। वहीं 15 शव जवाहरलाल नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखे गए। इसके अलावा इंफाल के पश्विम में स्थित लाम्फेल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से 23 की मौत की पुष्टि की गई है।
सरकार ने कहा है कि हिंसा के बीच पहाड़ों पर आधारिक पांच उग्रवादियों को मार गिराया गया है। चुराचांदपुर में रिजर्व बटालियन के दो जवान अलग-अलग एनकाउंटर में घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया है कि इनमें से एक एनकाउंटर चुराचांदपुर के सैतोन में हुआ था, जहां सुरक्षाबलों ने चार उग्रवादी मार गिराए। पुलिस का दावा है कि तोरबुंग इलाके में उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में एक उग्रवादी मारा गया और दो रिजर्व बटालियन के जवान घायल हो गए।
मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।
सीएम एन बीरेन सिंह ने शांति के लिए की बैठक मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस समय राज्य में शांति बनाए रखने में नागरिक समाज संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
बीरेन सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, इस महत्वपूर्ण स्थिति में मुझ तक पहुंचने और मणिपुर में शांति लाने में अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन देने के लिए अखिल मणिपुर ईसाई संगठन (AMCO) का धन्यवाद। मैं मणिपुर के सभी लोगों से किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने की अपील करता हूं। राज्य की कानून व्यवस्था में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बल को सख्त हिदायत दी गई है।
मणिपुर की राज्यपाल ने लोगों से की यह अपील मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा की घटनाओं ने शांति और सद्भाव को प्रभावित किया है। इन घटनाओं में राज्य में कुछ लोगों की मौत हुई है, जिससे मैं बहुत दुखी हूं। मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आपस में सौहार्द बनाए रखें और अपने आसपास के लोगों का सहयोग करें।
मणिपुर में व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है सरकार: किरेन रिजिजू केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार हिंसा प्रभावित मणिपुर में व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। रिजिजू ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बातचीत का आह्वान करते हुए कहा, दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कई लोगों की जान चली गई है और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। चाहे मैतेई हों या कुकी, दोनों एक ही राज्य से हैं और उन्हें एक साथ रहने की जरूरत है।
अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले मंत्री रिजिजू ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे पूर्वोत्तर में तेजी से विकास हो रहा है। हिंसा को इसमें सेंध लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस तरह की घटनाएं लोगों के भविष्य को प्रभावित करती हैं और युवाओं एवं महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा, सुंदर पूर्वोत्तर के विकास को आगे ले जाने के लिए शांति की आवश्यकता है। समाज तभी प्रगति कर सकता है जब शांति हो। उन्होंने लोगों से गृह मंत्रालय द्वारा आदेशित बलों की तैनाती का समर्थन करने का आग्रह किया।
मेघालय के सीएम संगमा ने अधिकारियों के साथ की बैठक मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने ट्वीट किया, मणिपुर में मेघालय से छात्रों को निकालने की प्रक्रिया की स्थिति की जांच के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। टीम यह सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम कर रही है कि राज्य के हमारे छात्र सुरक्षित घर वापस आ जाएं।
त्रिपुरा के सीएम साहा ने छात्रों के माता-पिता से की बात वहीं, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उन सभी छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों के साथ एक कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जो अभी भी मणिपुर में फंसे हुए हैं। सीएम ने अभिभावकों से बातचीत की और उन्हें मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से फोन पर बातचीत कराई। त्रिपुरा मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि मणिपुर में पढ़ रहे त्रिपुरा के छात्रों की मदद करने के प्रयासों को जारी रखते हुए त्रिपुरा के छात्रों से बातचीत करने और उन्हें वापस लाने के लिए त्रिपुरा सरकार द्वारा मणिपुर में एक विशेष टीम भेजी गई है। उन्हें जल्द से जल्द विमान से वापस लाने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
नगालैंड के डिप्टी सीएम ने अस्पताल का किया दौरा नगालैंड के उप मुख्यमंत्री वाई पैटन ने मणिपुर से लाए गए घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए कोहिमा के एक निजी अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इंफाल में नगाओं का विशेष ध्यान रख रही है और उन्हें लाने का प्रयास कर रही है।
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