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मणिपुर में आज फिर भड़क उठी हिंसा, एक समुदाय के हथियारबंद लोगों ने दूसरे समुदाय पर हमला किया, एक व्यक्ति की मौत, 50 से अधिक घायल!

मणिपुर के काकचिंग जिले के पाल्लेल में फिर से भड़की हिंसा में शुक्रवार को एक समुदाय विशेष के हथियारबंद लोगों ने दूसरे समुदाय पर हमला कर दिया।

भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार इस हमले में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गयी और करीब 50 अन्य घायल हो गये। करके एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी और इस हमले 50 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

पुलिस ने कहा कि हमलावरों की गोलीबारी में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसकी बाद में मौत हो गयी। पुलिस के अनुसार हमलावरों ने भारी गोलीबारी की जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकांश घायलों को काकचिंग के जीवन अस्पताल में भर्ती किया गया है। हमले से आक्रोशित होकर आसपास के इलाकों के लोग इकट्ठे हो गए और उन्होंने हमले का विरोध किया। इन लोगों ने उस क्षेत्र की ओर मार्च करने की कोशिश की जहां गोलीबारी शुरू हुई थी।

असम राइफल्स ने हालांकि समय रहते लोगों को रोक दिया। हमले का विरोध करने वालों में अधिकतर महिलाएं थीं। टकडाल जिले के थौबल और काकचिंग में मणिपुर हिंसा को नियंत्रित करने में राज्य सरकार की विफलता के विरोध में शुक्रवार और शनिवार को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने टकडाल से कर्फ्यू हटाने की अपील की है। मणिपुर मे 3 मई 2023 से जातिगत हिंसा आरंभ हुई थी जो समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।

मणिपुर में नहीं रुक रही है हिंसा, ताज़ा झड़प में 30 से अधिक घायल

मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले में बुधवार को कर्फ़्यू का उल्लंघन करके विरोध मार्च निकाल रहे हज़ारों पुरुषों और महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए कई राउंड आंसूगैस के गोले दाग़े। पुलिस से झड़प में महिलाओं समेत 30 से ज़्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, महीनों से हिंसा की आग में जला रहे मणिपुर में झड़पों का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताज़ा घटना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 30 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि फोगाकचाओ इखाई में सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे हज़ारों पुरुषों और महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसूगैस के गोले दाग़े गए। बुधवार को आदिवासी बहुल चुराचांदपुर ज़िले से कुछ किलोमीटर दूर विभिन्न ज़िलों के हज़ारों लोग बिष्णुपुर ज़िले के फौगाकचाओ इखाई में जुटे थे। उन्‍होंने कर्फ़्यू तोड़ते हुए भारी संख्या में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की तैनाती को धता बताते हुए ‘विरोध मार्च’ निकाला। इस दौरान उन्‍होंने सेना के बैरिकेड को भी हटाने की कोशिश की। बता दें कि यह विरोध मार्च मैतेई समुदाय की एक प्रमुख संस्था मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) और उसकी महिला शाखा ने सेना के बैरिकेड को हटाने के लिए निकाला था।

उल्लेखनीय है कि गंभीर क़ानून और व्यवस्था की समस्याओं की आशंका के कारण मणिपुर सरकार ने बुधवार को मैतेई बहुल पांच घाटी ज़िलों में कर्फ़्यू में ढील रद्द कर दी थी और सीओसीओएमआई द्वारा बुलाए गए विरोध मार्च के मद्देनज़र बड़े पैमाने पर सुरक्षा उपाय किए गए थे। अधिकारियों ने कहा कि घाटी के सभी पांच ज़िलों- बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में पूर्ण कर्फ़्यू लगा दिया गया है और मंगलवार शाम से एहतियात के तौर पर विभिन्न ज़िलों में सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। याद रहे कि पिछले कई हफ़्तों से घाटी के सभी पांच ज़िलों में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ़्यू में ढील दी जा रही थी। राज्य सरकार ने भी मंगलवार रात को सीओसीओएमआई से विरोध मार्च वापस लेने की अपील की थी।