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मणिपुर की स्थिति को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा….कांग्रेस ने रखीं आठ मांगे!

मणिपुर की स्थिति को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं.

मणिपुर में पिछले 50 दिनों से हिंसा का दौरा जारी है जिसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद से एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब उन्होंने इसे लेकर पीएम मोदी से बात ना की हो और पीएम मोदी ने निर्देश ना दिए हों.

बीजेपी प्रवक्ता और मणिपुर के प्रभारी संबित पात्रा ने बताया, ”इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रतिनिधि भेजे थे. सभी ने अपने विषय को बड़े ही सकारात्मक रूप से, एक सकारात्मक माहौल में रखा. बैठक से पहले गृह मंत्रालय की ओर से मणिपुर की परिस्थिति और सरकार के उठाए कदमों को लेकर विस्तार से प्रजेंटेशन दिया गया.”

पात्रा ने बताया, ”सभी प्रतिनिधियों को सुनने के पश्चात गृह मंत्री ने कहा कि जो भी आपने कहा है इन सभी विषयों पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे. गृह मंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि आपसी सहयोग के साथ हम जल्द ही शांति की ओर बढ़ेंगे.

विपक्ष ने क्या कहा

वहीं, विपक्ष ने इसे ‘खुले मन से हुई बैठक’ तो बताया है लेकिन अपनी कुछ मांगे भी रखी हैं.

बैठक के बाद राजद के सासंद मनोज झा ने कहा, ”बैठक में बड़े खुले मन से बात हुई. 50 दिन हो गए, मौतें हो रही है, विस्थापन हो रहा है. वहां के राजनीतिक नेतृत्व पर पूरी तरह भरोसा नहीं है. ये लगभग सभी विपक्षी दलों ने कहा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि जो शख़्स वहां पर प्रशासन चल रहा है वो भरोसमंद नहीं है. अगर वो शख़्स प्रभारी रहता है तो आप शांति नहीं ला सकते.”

डीएमके सांसद तिरुची शिवा ने कहा, ”हमने मणिपुर में 50 दिनों से चल रही घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की है. गृह मंत्री ने सभी को सुना और कहा कि वो इस पर ध्यान दे रहे हैं और हम उन पर भरोसा करें. हमने अनुरोध किया कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर भेजा जाए.”

कांग्रेस ने रखीं आठ मांगे

इसी तरह कांग्रेस ने भी मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत बदले जाने और प्रधानमंत्री को राज्य की स्थिति पर बयान देने सहित कुल आठ मांगें रखी हैं.

इनमें राज्य के मुख्यमंत्री को तुरंत बदले जाने और बिना देरी किए प्रभावित लोगों के लिए राहत, पुनर्वास और आजीविका का पैकेज तैयार किए जाने की मांग शामिल है.