मणिपुर की राजधानी इंफाल के कुछ हिस्सों में शनिवार को विरोध प्रदर्शन हुए जिसके बाद शनिवार रात से राज्य के पांच ज़िलों में, अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
साथ ही पुलिस ने चार ज़िलों में धारा 163 लागू कर सार्वजनिक जगह पर लोगों के जुटने और प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है. वहीं एक ज़िले में कर्फ्यू लगाया गया है.
शनिवार रात मैतेई संगठन के एक नेता को कथित तौर पर हिरासत में लेने की ख़बरें आईं जिसके बाद यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हुए. ये प्रदर्शन क्वाकेइथेल और उरीपोक में हुए. प्रदर्शनकारियों के आगज़नी करने की भी ख़बरें है.
हालांकि, अभी तक कथित तौर पर गिरफ़्तार नेता का नाम या उनके ख़िलाफ़ आरोपों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई.
एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए क्वाकेइथेल और उरीपोक में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. यहां कुछ लोगों ने सड़क पर टायर और फर्नीचर जलाया.”
मणिपुर पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए जानकारी दी है कि राज्य के चार ज़िलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
मणिपुर पुलिस के मुताबिक़, “इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल और काकचिंग ज़िले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू की गई है.”
इसके तहत किसी भी सार्वजनिक जगह पर पांच या उससे अधिक लोगों के जुटने और प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है.
वहीं बिष्णुपुर ज़िले में सात जून की रात 11 बजे से कर्फ्यू लगाया गया है जो अगले आदेश तक लागू रहेगा.
पुलिस ने कहा है कि “ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है और आम नागरिकों से अपील है कि वो इसका पालन करने में सहयोग करें.”
इन चार ज़िला मजिस्ट्रेट की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक शांति और क़ानून व्यव्स्था बिगड़ने और जानोमाल को नुक़सान पहुंचने की आशंका को देखते हुए एहतियातन ये कदम उठाए गए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, मणिपुर सरकार ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि शनिवार रात 11.45 बजे से अगले पांच दिनों के लिए घाटी के पांच ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
जिन ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है उनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग शामिल हैं.
आधिकारिक बयान में क्या कहा गया?
शनिवार रात को मैतेई संगठन के एक नेता को कथित तौर पर हिरासत में लेने की ख़बरों के बाद इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम ज़िलों में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
पीटीआई के मुताबिक़, इसके बाद मणिपुर के आयुक्त-सह-सचिव (गृह) एन अशोक कुमार ने एक आदेश जारी कर इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में इटरनेट बंद होने की जानकारी दी है.
आदेश में लिखा है, “इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में मौजूदा क़ानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हेट स्पीच, हेट वीडियो संदेश और तस्वीरें शेयर करने के लिए कर सकते हैं. इसका गंभीर असर राज्य की क़ानून और व्यवस्था पर पड़ सकता है.”
“आपातकालीन स्थिति को देखते हुए यह आदेश (इंटरनेट बंद करने का) जारी किया गया है. इसका उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
क्या है पूरा मामला?
दिलीप कुमार शर्मा,
असम के गुवाहाटी से
मणिपुर पुलिस के सीआईडी विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि शनिवार को कानन सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उन्हें अपने साथ गुवाहाटी लेकर जाएगी.
मिली जानकारी के अनुसार कानन सिंह को सिंगजमेई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है.
वहीं मणिपुर में स्थानीय संगठन से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पुलिस ने मैतेई संगठन, अरामबाई तेंगगोल के एक नेता कानन सिंह को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद घाटी के इलाक़ों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
इंफाल में विरोध प्रदर्शन कवर कर रहे एक स्थानीय फोटो पत्रकार ने भी बताया है कि कानन सिंह को गिरफ्तार कर उन्हें एयरपोर्ट ले जाया गया है.
कानन सिंह का नाम राज्य के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोइरंगथेम अमित के घर पर हमला करने के मामले में सामने आया था. उनके ख़िलाफ़ कई गंभीर मामले दर्ज है. फ़रवरी 2024 में उन्हें एक सरकारी अधिकारी के अपहरण के मामले में मुख्य संदिग्ध बताया गया था.
अरामबाई तेंगगोल ने अपने नेता की गिरफ्तारी के विरोध में 10 दिन के बंद की अपील की है.
इससे पहले एनआईए ने 5 जून को कुकी नेशनल आर्मी (केएनए) के एक शीर्ष नेता कामगिंगथांग गंगटे को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कुकी जनजाति से जुड़े संगठनों ने विरोध किया था.
केएनए फिलहाल केंद्र और राज्य सरकार के साथ ऑपरेशन निलंबन समझौते (एसओओ) के तहत है.
म्यांमार की सीमा से सटे मोरेह के मंडोई के रहने वाले गंगटे पर 31 अक्टूबर, 2023 को मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद की हत्या का आरोप है. इस मामले में एनआईए ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है.
कामगिंगथांग गंगटे की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने इलाके़ में 24 घंटे के बंद की अपील की है. शनिवार को इन संगठनों में एक विशाल रैली निकाली थी.