सेहत

मकोय के काढ़े का सेवन गठिया का दर्द, सूजन, खांसी, घाव, पेट फूलने, अपच, मूत्र रोग में फ़ायदा पहुंचाता है!

Dr.Jaibir Singh
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मकोय BLACK NIGHT OR NIGHT SHADE काकमाची और भटकोइंया पिलपोटण लीलबड़ी भी कहते हैं। यह एक छोटा-सा पौधा है जो भारतवर्ष के छाया-युक्त स्थानों में हमेशा पाया जाता हैं। मकोय में पूरे वर्ष फूल और फल देखे जा सकते हैं। मकोय में शाखायुक्त एक-डेड़ फुट तक उँची, तथा शाखाओं पर उभरी हुई रेखाएं होती हैं। इसके पत्तें हरें, अंडाकर या आयताकार, दन्तुर या खण्डित, 2-3 इंच लम्बे, एक-डेड़ इंच तक चौड़े होते हैं। फूल छोटे, सफेद वर्ण (रंग) बहिकक्षीय फूल दंडों पर 3 से 8 के गुच्छों मे नीचे झुके होते हैं। मकोय का फल छोटे, चिकना गोलाकार अपरिक्व अवस्था में हरे रंग के और पकने पर नीले या बैंगनी रंग के, कभी-कभी पीले या लाल होते हैं। बीज छोटे, चिकने, पीले रंग के, बैंगन के बीजों की तरह होते है परन्तु बैंगन के बीजों से बहुत छोटे होते हैं। पकने पर फल मीठे लगते हैं।

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मकोय पञ्चाङ्ग (जड़, तना, पत्‍ता, फूल और फल) के काढ़े का सेवन गठिया का दर्द, सूजन, खांसी, घाव, पेट फूलने, अपच, मूत्र रोग में फायदा पहुंचाता है। कान दर्द, हिचकी, जुकाम, आंखों के रोग, उलटी, और शारीरिक कमजोरी में भी लाभ होता है। इसके पत्‍ते एवं एवं फल का सेवन से पेट का अल्‍सर ठीक होता है। इसके बीज भ्रम, बार बार प्‍यास लगने, सूचन और त्‍वचा रोग में फायदेमंद है।

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मकोय की प्रकृति डाययुरेटिक होती है। अगर आपको कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि किसी कारणवश आपको रात में नींद नहीं आती है या फिर काफी डर लगने लगता है तो मकोय का सेवन करना नियमित रूप से शुरू कर दें। इससे आपको चिंता आदि कम करने में भी राहत मिलती है। इसमें चिकित्सीय गुण होते हैं जो ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करते है।।

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मकोय में फाइटो केमिकल्स होते हैं और साथ में ही एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जिस से यूटीआई बार बार नहीं होता है। मकोय का सेवन करने से वेजिनल सेक्रेशन और यूरिन आउटपुट में इजाफा होता है। इससे शरीर के अंदर मौजूद सारे बैक्टीरिया बाहर आने में मदद होती है जिस कारण सारे बैक्टीरिया और टॉक्सिंस फ्लश आउट हो जाते हैं और अगली बार यूटीआई होने का रिस्क भी कम हो जाता है।

मकोय (makoy) के पत्‍ते, पान का पत्‍ते तथा हल्दी से पेस्‍ट बना लें। इसका लेप करने से पुराने घाव, चोट लगने से होने वाले घाव, रोम छिद्र की सूजन, मवाद वाले घाव, दाद, खाज (हर्पीज आदि ), एन्थैक्स आदि में लाभ होता है।
मकोय के पके फल को मधु के साथ सेवन करें। इससे टीबी की बीमारी में फायदा होता है।

मकोय फलों को पीसकर सुखा लें। इसे गर्म करके लेप के रूप में लगाएं। इससे शरीर के सभी अंगों में होने वाले सूजन में लाभ होता है।
-मकोय के सेवन से हमारी किडनी हेल्दी रहती हैं। अगर किसी को बार-बार पेशाब आने की समस्या हो, किडनी एरिया में सूजन की समस्या हो तो मकोय का रस या मकोय से बहुत अधिक लाभ होता है। यह फाइबर से भरपूर फल होता है। इसलिए पेट को साफ रखने में मददगार होता है

मकोयफल खाने के साथ साथ
10-15 मिलीग्राम मकोय के अर्क को रोज पिलाने से किडनी में सूजन, किडनी के दर्द तथा किडनी रोगों आदि बीमारी में लाभ मिलता है।
***। आजकल कैंसर की समस्या एक चिंता का विषय बन चुकी है। मकोय के फल में कैंसर रोधी गुण होते हैं। मकोय कैंसर सेल्स के डेवलपमेंट को रोकता है। यह ट्यूमर के निर्माण को रोकने के लिए भी लाभकारी बताया जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में मकोय का सेवन प्रभावी हो सकता है। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक इंडेक्स होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके डायबिटीज को मैनेज करने के लिए जाने जाते हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण कई घातक स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। मकोय से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी नियंत्रित रहता है, जिससे हार्ट स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का खतरा कम हो जाता है।

पीरियड क्रैंप्स में महिलाओं को दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है, जो बहुत असहनीय होता है। ऐसे में वह पेन किलर्स का सहारा लेती हैं। दर्द निवारक दवाइयों पर निर्भर होने की जगह आप इस शक्तिशाली जड़ी बूटी का इस्तेमाल कर सकती हैं। खासकर मकोयबैरी (मकोयफल)में ब्लैक नाइट शेड होते हैं, जिनमें एंटीपीयरेटिक एजेंट मिलते हैं, जिनको पेन किलर में उपयोग किया जाता है। यह जल्दी दर्द में राहत दे सकते हैं।

लीवर तथा तिल्ली के रोगों के लिए मकोय स्वरस भूमि आंवला स्वरस यथा पुनर्नवा स्वरस का सेवन अति उत्तम अकाट्य उपचार है

डॉ० जयवीर सिंह
अवधूत आयुर्विज्ञान संस्थान
जींद हरियाणा
9350272972

 

DrJaibir Singh
सूजन, गठिया से लेकर हृदय संबंधी समस्याओं तक कई बीमारियों की जड़ है। आयुर्वेद में मकोय को सूजनरोधी (Anti-Inflammatory) और एनाल्जेसिक गुणों के लिए जाना जाता है, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इस जड़ी बूटी में फ्लेवोनोइड्स और ग्लाइकोकलॉइड जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं जो शरीर में सूजन को रोकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक अक्सर रूमेटाइड अर्थराइटिस, गाउट और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं मकोय लेना बहुत फायदेमंद रहता है

 

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