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मंदिर में मासूम बच्ची से गैंगरेप की चार्जशीट में बेनकाब हुई हवैनों की असलियत-पुलिस कर्मी भी शामिल था

जम्मू कश्मीर: आठ साल की मासूम आसिफा से गैंगरेप और हत्या मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. हालात यह है कि जम्मू में दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया है. इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है. स्थानीय बार एसोसिएशन आश्चर्यजनक रूप से आरोपियों के पक्ष में प्रदर्शन कर रहा है।

मालूम हो कि यह पूरा मामला 12 जनवरी को सामने आया था. जब लड़की के पिता मोहम्मद यूसुफ ने हीरानगर थाने में केस दर्ज कराया था. इसके मुताबिक, 10 जनवरी को लगभग 12:30 बजे उनकी बेटी जंगल में घोड़े के लिए चारा लेने गई थी, जिसके बाद वह नहीं लौटी. उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.

एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिन बाद जब कठुआ के रासना गांव के पास खोजबीन हुई तो आसिफा का शव पास के इलाके से मिला था. जब मेडिकल जांच हुई तो सभी हैरान रह गए. जांच में आसिफा से गैंगरेप की बात सामने आई.

पहले तो यह मामला पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़कर रफा-दफा कर दिया, लेकिन बाद में मामला जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. 9 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केस के आठ आरोपियों के खिलाफ 18 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में आरोपियों की बच्ची से बर्बरता रोंगटे खड़े करने वाली है. इसमें बताया गया है कि 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने एक अन्य आरोपी विशाल जंगोत्रा को लड़की के अपहरण के बारे में जानकारी दी.

फोन कर उसने कहा कि अगर वह हवस बुझाना चाहता है तो मेरठ से जल्दी आ जाए. 12 जनवरी को विशाल रासना गांव पहुंचा. आरोपियों ने आसिफा को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा था. आरोपियों ने उसे नशे की टेबलेट दी. उसका कई बार रेप किया गया.

चार्जशीट में सबसे शर्मसार करने वाला वाकया पुलिसकर्मी का बताया गया है. इसमें कहा गया है कि लड़की से गैंगरेप के बाद उसकी हत्या करने की योजना बनाई जा रही थी. इस बीच आरोपियों ने अपने साथी पुलिसकर्मी दीपक खजूरिया से संपर्क किया.

पुलिसकर्मी ने कहा कि यदि बच्ची की हत्या कर शव को छिपाना है तो थोड़ा इंतजार करो, मैं भी हवस मिटाना चाहता हूं. इसके बाद पुलिसकर्मी ने भी लड़की से बलात्कार किया. फिर आरोपियों ने पत्थरों से वार कर आसिफा का सिर कुचला और गला घोंटकर हत्या कर दी. 15 जनवरी को शव को जंगल में फेंक दिया.

यही नहीं, चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने केस से बचाने के लिए रेप के आरोपी नाबालिग की मां से डेढ़ लाख रुपये घूस ली. जब इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दो गई तो इस पर जमकर राजनीति हुई. विधानसभा में भी खूब हंगामा हुआ. हैरान करने वाली बात तो यह कि लोगों ने झंडे लेकर आरोपियों के पक्ष में प्रदर्शन किया.

इस मामले में मुख्य आरोपी राजस्व विभाग के एक पूर्व अधिकारी सांजी राम ने सरेंडर किया गया है. कहा जा रहा है कि गैंगरेप के जरिए सांजी राम बंजारा समुदाय को गांव छोड़ने के लिए धमकाना चाहता था. इसके अलावा इस मामले में विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेन्द्र वर्मा, हेड कांस्टेबल तिलक राज और सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया.

गिरफ्तार आरोपियों में से सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता पर आरोप है कि उसने पीड़िता द्वारा पहने गए कपड़े को अपराध शाखा को सुपुर्द करने से पहले धोया था. इसके अलावा पहले जांच अधिकारी होने के नाते उसने कई सबूत भी नष्ट किए.