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भारत 2014 में आज़ाद हुआ है, कहने वाली कंगना रणोत को बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया!

भाजपा ने हिमाचल प्रदेश की दो लोकसभा सीटों के लिए बहुप्रतीक्षित प्रत्याशियों की भी रविवार को घोषणा कर दी। मंडी लोकसभा सीट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत को टिकट दिया है, वहीं कांगड़ा से ब्राह्मण चेहरा डॉ. राजीव भारद्वाज प्रत्याशी बनाए गए हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दूसरे दिन रविवार को इन दोनों टिकटों की पांचवीं सूची में घोषणा हुई। शिमला और हमीरपुर संसदीय सीट से टिकट पहले ही घोषित किए जा चुके हैं।

हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और शिमला से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप को पहले ही दूसरी सूची में ही प्रत्याशी घोषित का दिया गया था। वहीं, भाजपा ने कंगना रणौत के तौर पर हिमाचल प्रदेश में पहली बार किसी सेलिब्रिटी को चुनाव में उतारा है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी ने भी इस तरह का प्रयोग नहीं किया। कंगना राजपूत समुदाय से संबंध रखती हैं। वह सरकाघाट के भांवला की रहने वाली हैं और मंडी संसदीय क्षेत्र के मनाली में भी उनका घर है।

डॉ. भारद्वाज पेशे से निजी चिकित्सक
कांगड़ा से प्रत्याशी घोषित किए गए 58 वर्षीय डॉ. भारद्वाज पिछली जयराम सरकार के कार्यकाल में कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष चुके हैं। वह वर्तमान में प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष हैं। वह पेशे से निजी चिकित्सक हैं। मूल रूप से कांगड़ा जिले नूरपुर के रहने वाले हैं। इस तरह भाजपा ने कांगड़ा संसदीय सीट से एक बार फिर ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारा है।

अभिनय से सुर्खियां बटोरीं, विवादों से पुराना नाता
कंगना रणौत फिल्म अभिनेत्री हैं। कंगना का जन्म हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट की भांबला पंचायत में राजपूत परिवार में हुआ। पिता अमरदीप रणौत और और आशा रणौत हैं। बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत है। कंगना की पढ़ाई डीएवी स्कूल चंडीगढ़ से हुई। उनका परिवार उन्हें मेडिकल के पेशे में भेजना चाहता था पर 16 साल की उम्र में ही वह दिल्ली आ गईं और यहां उन्होंने थियेटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया। कंगना हमेशा अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाती रही हैं। कंगना बॉलीवुड की ऐसी अभिनेत्री हैं, जिनका नाम हमेशा विवादों में रहा है।

कंगना हिंदी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। एक ओर जहां कंगना ने फिल्मों में अपने अभिनय की वजह से सुर्खियां बटोरीं, वहीं उनका नाम कभी रितिक रोशन तो कभी शाहिद कपूर के साथ संबंधों को लेकर सुर्खियों में रहा। उन्हें तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है। कंगना को पांच बार फोर्ब्स इंडिया की टॉप 100 सेलिब्रिटी की लिस्ट में जगह मिल चुकी है। कंगना को साल 2019 का उनकी फिल्म मणिकर्णिका और पंगा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

…तो क्या अब धर्मशाला से उपचुनाव लड़ेंगे सुधीर
कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले अयोग्य ठहराए गए विधायक सुधीर शर्मा के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर रविवार रात विराम लग गया। कांगड़ा संसदीय सीट से प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज के नाम की अधिकृत घोषणा करने के साथ भाजपा हाईकमान ने साफ कर दिया कि आम चुनाव के लिए सुधीर पार्टी की पसंद नहीं हैं। अब बड़ा सवाल है कि क्या अब सुधीर शर्मा अपनी धर्मशाला सीट से ही विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे।
सुधीर शर्मा के भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट के बीच ही उनके भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं और अटकलें सियासी हवाओं में तैरने लगीं थीं। माना जा रहा था कि ब्राह्मण चेहरे को आगे करने के लिए भाजपा हाईकमान सुधीर शर्मा को प्रत्याशी बना सकता है। लेकिन, पार्टी ने रविवार रात कांगड़ा से डॉ. भारद्वाज का नाम घोषित कर इन अटकलों पर पूरी तरह से विराम लगा दिया। अब भाजपा और सुधीर के सामने धर्मशाला से विधानसभा का उपचुनाव ही विकल्प है। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र से ही उपचुनाव लड़ा सकती है।

टिकट कटने की थी भनक, फिर भी उम्मीद से बंधे रहे कपूर
कांगड़ा-चंबा संसदीय सीट से मौजूदा सांसद किशन कपूर का टिकट कटना पहले ही तय माना जा रहा था। पार्टी हाईकमान की ओर से करवाए गए सर्वेक्षणों में उनकी परफॉरमेंस पर सवाल उठे थे। अरसे से स्वास्थ्य भी उनका साथ नहीं दे रहा है। इसी कारण प्रदेश से कांगड़ा सीट के लिए भेजे गए पैनल में भी उनका नाम नहीं था। इन सब बिंदुओं के आधार आम चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही सांसद कपूर का टिकट काटे जाने की चर्चाएं जोर पकड़ चुकी थीं। कपूर को भी इसकी भनक थी। बावजूद इसके, उन्होंने टिकट की उम्मीद और दावेदारी नहीं छोड़ी।

वह गहरी चुप्पी साधकर टिकट पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से लगातार बचते रहे। आखिरकार हुआ वही जो पहले से तय माना जा रहा था। कांगड़ा से त्रिलोक कपूर भी थे दावेदारकांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर भी टिकट के दावेदार मजबूत दावेदार थे। प्रदेश से गए पैनल में डॉ. राजीव भारद्वाज के साथ उनका नाम भी था और वह दौड़ में भी बने थे। मंडी और कांगड़ा सीट से किसी एक पर पार्टी ब्राह्मण चेहरा देना चाहती थी।