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भारत में महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन आक्रात्मकता का जो स्तर देखा है, वैसा दुनिया में कहीं नहीं देखा : अमेरिकी पत्रकार डेविड जोसेफ़

झारखंड में ब्राजील की एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. इस घटना ने एक बार फिर देश में महिलाओं के लिए असुरक्षित माहौल को रेखांकित किया है.

बीते सप्ताहांत पर 28 साल की ब्राजीलियाई-स्पेनिश मूल की एक महिला ने इंस्टाग्राम पर अपने हैंडल से एक वीडियो डाला. इस वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के दुमका में सात लोगों ने उनके साथ बलात्कार किया. महिला और उनके पति के पास ब्राजील और स्पेन की नागरिकता है.

महिला ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावरों ने उन्हें और उनके पति को लूटा और दोनों के साथ मार-पीट भी की. इस वीडियो को तो अब हटा लिया गया है, लेकिन महिला ने एक स्पेनिश टीवी चैनल को बताया कि उन लोगों ने दो घंटों तक, बारी-बारी उनके साथ बलात्कार किया.

पुलिस ने क्या बताया
मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि महिला और उनके पति मोटरसाइकिल पर एशिया के कई देशों की यात्रा करने के बाद कुछ ही महीने पहले भारत आए थे. दुमका के पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस को दोनों 1 मार्च की रात करीब 11 बजे सड़क के किनारे मिले थे.

खेरवार के मुताबिक, ऐसा लग रहा था कि दंपति के साथ मारपीट की गई है. उन्होंने यह नहीं बताया कि किस तरह का अपराध हुआ है और बस इतना कहा कि दंपति के मुताबिक “उनकी लज्जा भंग की गई थी.” पुलिस ने बताया कि तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और चार अन्य लोगों की तलाश चल रही है.

इस घटना के बाद एक बार फिर भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, 2021 के मुकाबले 2022 में महिलाओं के प्रति अपराध में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

पूरे देश में महिलाओं के प्रति अपराध के करीब साढ़े चार लाख मामले दर्ज किए गए, यानी औसतन हर घंटे करीब 51 मामले. सिर्फ बलात्कार के ही 31,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए.

विदेशी पर्यटकों के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार जैसी घटनाएं पहले भी सामने आई हैं. अगस्त 2020 में पुलिस ने बताया था कि हरियाणा के हिसार शहर में एक होटल के भीतर थाइलैंड से आई एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया.

मार्च 2023 में जयपुर में पुलिस ने एक 70 साल के शख्स को गिरफ्तार किया था. इस मामले में थाइलैंड की एक महिला ने 4होली के दौरान उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला कुछ अन्य पर्यटकों के साथ जयपुर घूमने आई थी.

महिला द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक, यहां एक पार्किंग के बाहर उन्हें गलत तरीके से छुआ गया. इसी मामले में यह भी शिकायत की गई थी कि होली का रंग लगाने के बहाने भी उन्हें परेशान किया गया.

पीड़ित पर ही सवाल उठाना कितना सही?
झारखंड की घटना को लेकर सोशल मीडिया में इस बात पर भी बहस चल रही है कि किस तरह अपराध का दोष पीड़ित महिला पर ही डाला जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि महिला पर हमला तब हुआ, जब वह अपने पति के साथ एक खुले मैदान में टेंट लगा कर सो रही थीं.

कुछ लोगों ने टिप्पणी की थी कि यह बेहद खतरनाक था और महिला को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए थी. इस पर आपत्ति जताते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स ने ध्यान दिलाया कि यह पीड़ित के ऊपर दोष लगाने जैसा है, जबकि हकीकत यह है कि देश में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध घर की चारदीवारी के अंदर होते हैं.

Kumudini Murti
Mar 3, 2024
@Katfromahat
Replying to @MasalaBai
By asking them to take precaution, people are NOT excusing the rapists. Two entirely different things. When you know they exist esp in a place like Jharkhand, the only thing one can do is take precautions and not camp in a tent. The rapists are wrong. No doubt about it.

Rituparna Chatterjee
@MasalaBai
Camping is a very basic outdoorsy activity that largely doesn’t result in sexual assault in many countries. Sexual violence continues bec we tell women to curb themselves instead of punishing men

महिला आयोग की भी आलोचना
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया को भी आलोचना मिल रही है. भारत में महिलाओं की खिलाफ बढ़ते अपराधों पर सोशल मीडिया पर जारी चर्चा के बीच एक अमेरिकी पत्रकार डेविड जोसेफ वोलोद्जको ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने भारत में महिलाओं के खिलाफ यौन आक्रात्मकता का जो स्तर देखा है, वैसा दुनिया में कहीं नहीं देखा.

डेविड ने ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया जब भारत में उनके सामने किसी महिला का यौन शोषण किया गया. उन्होंने लिखा कि एक बार उन्होंने अपनी एक मित्र को एक भारतीय लड़के से मिलवाया तो उस लड़के ने उस लड़की से हाथ मिलाने की जगह उसके स्तन को दबोचा. इस पर जब वह लड़की नाराज हुई तो वो लड़का उससे लड़ने लगा.

Rekha Sharma
Mar 3, 2024
@sharmarekha
Did you ever report the incident to Police? If not than you are totally an irresponsible person. Writing only on social media and defaming whole country is not good choice.

David Josef Volodzko
@davidvolodzko
The level of sexual aggression I witnessed while living in India for several years was unlike anywhere else I have ever been. Once a total stranger, a British woman, asked to sleep in my bed and pretend to be my girlfriend on a train ride because a man walking by in the hall had…

Tongam Rina
@tongamrina
Don’t you think someone more aware should become the chairperson of NCW?
Almost every woman, irrespective of age, feels unsafe in this country.

उनके ट्वीट के जवाब में आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने लिखा कि सोशल मीडिया पर ऐसा लिख कर पूरे देश को बदनाम करना ठीक नहीं है. कई लोगों ने शर्मा की इस टिप्पणी की आलोचना की.

पत्रकार तोंगम रीना ने लिखा कि थोड़ा और जानकार व्यक्ति महिला आयोग का अध्यक्ष होना चाहिए और इस देश में लगभग हर औरत असुरक्षित महसूस करती है, चाहे वह किसी भी उम्र की हो.

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चारु कार्तिकेय | स्वाति मिश्रा