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भारत-भूटान-चीन सीमा के नज़दीक चीन ने बनाया रोपवे, सैनिकों की तैनाती भी बढ़ायी : लद्दाख के गांवों में सक्रिय बमों के मिलने की ख़बरें : वीडियो

अरुणाचल के तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों की झड़प के बीच लद्दाख के गांवों में सक्रिय बमों के मिलने की ख़बरें हैं.

‘द टेलीग्राफ’ के मुताबिक लद्दाख में चीन की सीमा से सटे भारतीय गांवों में दर्जनों सक्रिय बम मिले हैं. ये बम यहां फैले चारागाहों में बिखरे हुए थे.

बम मिलने की सूचना के बाद भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते ने शुक्रवार की रात इन्हें एक ऑपरेशन के दौरान निष्क्रिय कर दिया.

अख़बार के मुताबिक़, लद्दाख में मौजूद भारतीय सेना के फ़ायर एंड फ़्यूरी कोर के मुताबिक़ उन्हें बुधवार की रात को सोशल मीडिया के ज़रिये लद्दाख के सुदूर पूर्वी इलाके के गांव सागा में अन-एक्सप्लोडेड (यूएक्सओ) बम होने की सूचना मिली थी.

सेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक़, बम की सूचना मिलते ही इसके सैपर ऑर्डिनेंस एक्सपर्ट्स ने सागा पहुंच कर तेज़ी से कार्रवाई की और ‘क्वांटिटी 65 विटेंच रस्टेड यूएक्सओज़’ को निष्क्रिय कर दिया.

भारतीय सेना के ट्वीट में कहा गया है कि बम निरोधक विशेषज्ञ इस ऑपरेशन के लिए लेह से रात में ही निकल गए थे. वहां पहुंचते ही उन्होंने डेढ़ किलोमीटर में बिखरे बमों को नष्ट कर दिया. इस पूरे ऑपरेशन में उन्होंने छह घंटे का समय लगा.

सोशल मीडिया में पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक ग्रामीण को यह कहते हुए देखा जा रहा है कि गांव के चारागाह में एक बड़े क्षेत्र में सक्रिय बम बिखरे हैं.

ख़बर के मुताबिक़, जिस गांव में ये बम मिले हैं वह चांगतांग सीमा क्षेत्र के तहत आता है. यहां इससे पहले भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो चुकी है.

लद्दाख में कई विपक्षी पार्षदों ने सासपोल के पार्षद दोर्जे नर्बू के नेतृत्व में इन बमों की सूचना के बाद लेफ़्टिनेंट गवर्नर ए के माथुर को पत्र लिख कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी.

नर्बू ने द टेलीग्राफ़ से कहा, ” सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें उस इलाके में बिखरे बम दिखाए जा रहे थे. इससे लोगों में दहशत पैदा होना लाज़िमी था. इसके बाद हमें सूचना मिली कि ऐसी इक्का दुक्का घटना नहीं हुई है. इससे पहले हमें बम मिलते रहे हैं. इससे मवेशी घायल हुए हैं.”

उन्होंने कहा, ” मुझे पता नहीं है कि ये बम ताज़ा हैं या पहले के. लेकिन ये लोगों और मवेशियों के लिए ख़तरा बने हुए हैं. यही वजह है कि हमने कल मीडिया कॉन्फ्रेंस में यह सवाल उठाया था. इसके बाद सेना की टीमें वहां पहुंचीं और इन्हें नष्ट किया.”


@firefurycorps_IA
@firefurycorps
On Social Media report of unexploded shells(UXO) near Tsaga Village in remote Eastern Ladakh,
@firefurycorps
Sappers and ordnance experts reacted swiftly and neutralised quantity 65 vintage, rusted UXOs.


@firefurycorps_IA
@firefurycorps
Bomb Disposal Teams were mobilised at night from Leh and over next six hours destroyed UXO spread over 1.5 Sq Kms making the area safe for community members.
@firefurycorps
solicits such prompt reports for our immediate action to save precious lives.

हालांकि स्थानीय बीजेपी पार्षद इशे स्पेलज़ांग ने इस घटना को ज़्यादा तवज्ज़ो नहीं दी. उन्होंने कहा कि ये बम 1962 के चीन-भारत युद्ध के दिनों के हैं.

उन्होंने कहा, ”ऐसा लगता है कि हवा की वजह से मिट्टी की ऊपरी परत उड़ जाने के कारण ये बम ऊपर आ गए होंगे. मैंने सांसद जे टी नामग्याल और ज़िला प्रशासन से बात की. इसके बाद आर्मी यूनिट वहां पहुंची और इन बमों को नष्ट किया.”

भारत-भूटान-चीन सीमा के नज़दीक चीन ने बनाया रोपवे, सैनिकों की तैनाती भी बढ़ी

‘द हिंदू’ ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये रोपवे उस इलाके के नज़दीक बना है, जहां भारत-भूटान-चीन की सीमाएं मिलती हैं. हाल में इस रोपवे के कुछ एंकर प्वाइंट दिखे हैं.

अख़बार ने रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा है चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर मज़बूत करने में लगा है.

‘द हिंदू’ ने रक्षा सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि चीन पूरे पूर्वी सेक्टर से लगे इलाके में सड़कें बना रहा है और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर मज़बूत कर रहा है.

अख़बार ने रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा है कि अरुणाचल के तवांग में जिस यांग्त्से इलाके में पिछले सप्ताह भारत और चीनी सैनिकों की हाथापाई हुई थी, चीनी सेना ने यहां अपने दावे को मज़बूती देने के लिए पिछले साल ही गश्त बढ़ा दी थी.

चीनी सेना ने देखा कि इस इलाके में चीनी चरवाहे को आना-जाना बंद हो गया है. इसके बाद ही उन्होंने ये क़दम उठाया.

रक्षा सूत्रों ने अख़बार को बताया, ”दरअसल भारतीय सेना यहां ऊंचाई पर तैनात है. भारतीय सेना की वर्चस्व वाली इस ऊंचाई से चीनी सेना चिढ़ी हुई है. भारतीय सेना यहां ऐसी पोज़ीशन पर है जहां से पूरी घाटी दिखती है.


सूत्रों ने अख़बार को बताया, ”चीनी सेना यहां जाड़े से पहले और बाद में दो से तीन बार गश्त करती है. यांग्त्से में घुसने के चार रास्ते हैं और चीनी सेना यहां आने के लिए इन्हीं का इस्तेमाल करती है. यांग्त्से तवांग से 30-35 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में है. ये इलाका 17 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर है.”

रक्षा सूत्रों के मुताबिक़ डोकलाम के नज़दीक तोरसा इलाके में लगातार गतिविधियां दिख रही हैं.

डोकलाम में 2017 में भारत और चीनी सेना 73 दिन आमने-सामने रहने के बाद हटी थी.

चेन्नई में बनेगा ऐपल फ़ोन बनाने वाली कंपनी फ़ॉक्सकॉन का हॉस्टल, 60 हज़ार कामगार रहेंगे

ताइवान की मैन्युफ़ैक्चरिंग कॉन्ट्रैक्टर कंपनी फ़ॉक्सकॉन चेन्नई के नज़दीक अपने प्लांट के पास 60 हज़ार कामगारों के रहने के लिए हॉस्टल बना रही है.

फ़ॉक्सकॉन ऐपल के फ़ोन और दूसरे डिवाइस बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्टर कंपनी है.

‘इकोनॉमिक टाइम्स’ ने कंपनी की इस गतिविधि के जानकार लोगों के हवाले से बताया है कि हॉस्टल बनाने के लिए 20 एकड़ के इलाके में तेज़ी से काम चल रहा है.

अख़बार के मुताबिक़, भारत में आईफ़ोन की मज़बूत मांग और यहां से इसे दूसरे देशों में निर्यात करने की अच्छी संभावना की वजह से कंपनी यहां अपने मैन्युफ़ैक्चरिंग बेस को मज़बूत करना चाहती है.

चेन्नई में कामगारों के लिए हॉस्टल का निर्माण करना इसी रणनीति का नतीजा है. कंपनी के मुताबिक़, फ़िलहाल 20 हज़ार बिस्तरों वाला एक हॉस्टल दस महीने में बन कर तैयार हो जाएगा.

अगले डेढ़ साल में यहां कंपनी के कर्मचारियों की संख्या बढ़ कर 70 हज़ार हो सकती है.

फ़ॉक्सकॉन का चीन में मज़बूत मैन्युफ़ैक्चरिंग बेस रहा है. लेकिन अब वह अपनी सप्लाई चेन को डाइवर्सिफ़ाई करना चाहती है. यही वजह है कि उसने भारत में चेन्नई में अपना मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट बनाया है.

यहां फ़ॉक्सकॉन अपनी कंपनी फ़ॉक्सकॉन होन हाई के ज़रिये अपना काम करती है. कंपनी श्रीपेरंबुदुर में अपने प्लांट में आईफ़ोन-14 समेत ऐपल की कई डिवाइस बनाती है. इस वक्त यहां कंपनी की अलग-अलग यूनिट्स में 15 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं हैं.

क़ानून मंत्री ने कहा, राज्यों को समान नागरिक संहिता बनाने का अधिकार

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि राज्यों को ये अधिकार है कि वे समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराधिकार जैसे मामलों में पर्सनल लॉ बनाएं.

‘द हिंदू’ में छपी ख़बर के मुताबिक़, क़ानून मंत्री ने गुरुवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ” भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य पूरे देश में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की दिशा में प्रयास करेंगे.”

रिजिजू ने ये जवाब सीपीएम के सदस्य जॉन ब्रिटास के सवाल पर दिया. उन्होंने पूछा था कि क्या केंद्र को पता है कि राज्य समान नागरिक संहिता के संदर्भ में अपने पर्सनल लॉ बना रहे हैं.

रिजिजू ने कहा, ”वसीयत, उत्तराधिकार, संयुक्त परिवार, बंटवारे, शादी और तलाक के मामले में राज्यों को अपना क़ानून बनाने का अधिकार है. ये मामले संविधान की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टि 5 की तीसरी समवर्ती सूची में शामिल हैं.”

रिजिजू की ये टिप्पणी इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल में भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले कई राज्यों ने समान नागरिक संहिता लागू करने का एलान किया था.

अख़बार के मुताबिक़, उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है जिसने अपने यहां समान नागरिक संहिता लागू करने की संभावना तलाशने के लिए एक पैनल का गठन किया था. उसने विधानसभा चुनाव से पहले ही ऐसा करने की मंशा जताई थी.

पार्टी ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान जारी चुनाव घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था.

इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी.

Shueb Khan
@ShuebKh16859893

बड़ी खबर-

चीन ने डोकलाम से 9-27 किलोमीटर दूर भारत-भूटान सीमा के पास200 नए निर्माण किए हैं। इनमें एक दुमंजिला भवन भी शामिल है।

अमेरिकी जासूसी उपग्रह हॉक आई की ताज़ा तस्वीरें उस डोकलाम का हाल बता रही हैं, जहां पर कब्ज़े के लिए 2017में भारत और चीन की सेना 2 महीने तक अड़ी रहीं।
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