बीजिंग: चीन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के सीमा विवाद को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीनी सरकार का मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में जयशंकर के बयान को लेकर भारत पर जमकर निशाना साधा है। ग्लोबल टाइम्स ने सच को छिपाने की नाकाम कोशिश करते हुए दावा किया है कि चीन ने नहीं, बल्कि भारत ने द्विपक्षीय समझौते की अवहेलना की और सीमा को पार किया। इतना ही नहीं, चीनी अखबार ने यहां तक लिख दिया कि भारत ने चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है। जबकि, पूरी दुनिया इस सच्चाई को जानती है कि चीन ने भारत के 38 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है।
आपसी विश्वास को कम कर सकती है जयशंकर की टिप्पणी: ग्लोबल टाइम्स
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर की हालिया टिप्पणी दोनों देशों के आपसी विश्वास को कम कर सकती है। इससे द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर असर पड़ सकता है। ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि चीन ने नहीं, बल्कि भारत ने द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना और उल्लंघन किया है और चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है। रविवार को ब्राजील के साओ पाउलो में एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था कि अभी, हम एक बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं। भारत और चीन के बीच 1990 के दशक से समझौते हैं। उन्होंने कहा था कि चीन ने इसकी अवहेलना की है। कुछ साल पहले गलवान घाटी में क्या हुआ था, आप जानते हैं। उस समस्या का समाधान नहीं हुआ है और यह स्पष्ट रूप से प्रभाव डाल रहा है।
भारत पर 1993 और 1996 के सीमा समझौते के तोड़ने का लगाया आरोप
ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विश्लेषकों के हवाले से बताया, ”17 जुलाई को चीन और भारत के बीच कोर कमांडर स्तर की 16वीं बैठक के दौरान स्थिरता और शांति बनाए रखने पर सहमति बनी। दोनों ही पक्षों ने उकसावे की कार्रवाई न करने और बातचीत को जारी रखने का फैसला किया था। यह भारत है जिसने 1990 के दशक में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित दो समझौतों का घोर उल्लंघन किया है।” चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज बॉर्डरलैंड स्टडीज के रिसर्च फेलो झांग योंगपैन के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीन और भारत ने 1993 और 1996 में सीमा मुद्दे पर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए। 1993 में हस्ताक्षरित सीमा समझौते में दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाने पर सहमति बनी थी।
एक्सपर्ट का नाम लेकर ग्लोबल टाइम्स ने बोला झूठ
झांग योंगपैन ने साफ तौर पर झूठा बयान देते हुए कहा कि भारत ने अक्सर एलएसी को पार किया है और पिछले 20 वर्षों में न केवल डोकलाम में, बल्कि पैंगोंग झील क्षेत्र और गलवान घाटी में भी चीन के क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत ने उस समझौते का भी गंभीर उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्षों की कोई भी गतिविधि एलएसी को पार नहीं करेगी। 1993 के समझौते में उल्लेख किया गया था कि प्रत्येक पक्ष अपने सैन्य बलों को एलएसी के साथ के क्षेत्रों में न्यूनतम रखेगा। झांग ने कहा कि मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखने के दृष्टिकोण से, चीन ने एलएसी क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात नहीं किया है, जबकि इसके विपरीत, भारत पिछली शताब्दी के अंत से एलएसी के साथ अपनी सैन्य शक्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है।
Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ
@PriyankKharge
Everyone is able to see China’s encroachment & their infrastructure on Indian soil from space, but the Supreme Leader is unable to see it from within our border.
All the ferocity & boldness of PM is limited only for the opposition within India?
Now that your own cabinet minister for external affairs has accepted the aggression on China's part, Dear PM Modi, can you please open your eyes? pic.twitter.com/oUybx21g8q
— Congress (@INCIndia) August 19, 2022