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भारत के लोगों के लिए धर्म बहुत बड़ी कमज़ोरी है, भारत के 95% लोग भ्रम को ही धर्म मान रहे हैं, जानिए कैसे—-मेघराज सिंह का लेख पढ़ें

Meghraj Singh
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भारत के लोगों के लिए धर्म बहुत बड़ी कमज़ोरी है धर्म के चक्कर में भारत के 95% लोग भ्रम को ही धर्म मान रहे हैं ।
जानिए कैसे—-
भारत के अंदर चाहे वह इंसान किसी भी धर्म का इंसान है अगर उसके अंदर से नफ़रत ख़त्म हो गई है छुआछूत भेदभाव यह सब ख़त्म हो गए हैं अगर उसके अंदर इंसानियत समानता सब्र संतोष सुकून और प्यार है तो वह इंसान धर्म को मान रहे हैं ।
भारत के अंदर चाहे वह किसी भी धर्म का इंसान है अगर उनके अंदर जात पात होगी छुआ छूत होगी नफ़रत होगी लालच होगा और असमानता होगी तो वह धर्म नहीं भ्रम को मान रहे हैं ।


धार्मिक इंसान वह नहीं होते जो धर्म धार्मिक कपड़े पहनकर अपने आपको विद्वान कहते हैं और अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं ।
धार्मिक इंसान वह होते हैं चाहे वह धर्म के कपड़े पहनकर या ना पहनकर भी ज्ञानवान होते हुए भी अपने आपको साधारण इंसान मानते हैं ।
धार्मिक इंसान वह होते हैं जो पूरे संसार के लोगों को एक समान प्यार करते है और उनको अपना मानते हैं ।
अधार्मिक इंसान वह होते हैं जो इंसान इंसान में भेदभाव करते हैं और अलग अलग धर्मों के लोगों को पराया मानते हैं ।
धार्मिक इंसान की यह निशानी वह पूरे विश्व के अंदर सच्चाई और ईमानदारी फैलाते हैं ।
मेघराज सिहं धार्मिक इंसान हमेशा ही सब्र संतोष सुकून और परमआनंद ने जीते हैं ।
नोट —इस रहस्यमय सच को सिर्फ़ सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं भारत के लोग अपने अंदर झांककर के देखें कि वह धर्म को मान रहे हैं या भ्रम को मान रहे हैं इंसान ख़ुद की पहचान ख़ुद कर सकता है ।

वॉट्सऐप नंबर+13474754233 USA
Meghrajusgas7@gmail.com

( M S Khalsa)

Meghraj Singh
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विश्व के अंदर जितने भी धर्म ग्रंथ हैं उन धर्म ग्रंथों को समझने के लिए पूरे विश्व के इंसानों के लिए कुछ बातें बहुत ही महत्वपूर्ण और ज़रूरी है ।
जानिए कौन सी बातें पूरे विश्व के इंसानों के लिए बहुत ज़रूरी है ।
जैसे कि —
नंबर वन —अगर इंसान के अंदर झूठ बेईमानी छल कपट और भेदभाव होगा उस इंसान को धर्म ग्रंथों की बातें बिलकुल भी समझ में नहीं आएगी ।
नंबर दो —अगर इंसान के अंदर थोड़ा झूठ होगा थोड़ा सच होगा उसको धर्म ग्रंथों की बातें 1% समझ जाएगी ।
नंबर तीन —अगर इंसान के अंदर सच ही सच है ईमानदारी ही ईमानदारी है प्यार है समानता है उस इंसान को धर्म ग्रंथों की बातें समझ आएंगी ।
कुछ महत्वपूर्ण सायरी
जो भी इंसान अपने अंदर से झूठ और बेईमानी को छल कपट को उंच नीच को भगाएँगे ।
उन इंसानों के अंदर सब्र संतोष पैदा होगा इंसानियत पैदा होगी वही इंसान धर्म ग्रंथो की बात समझ पाएंगे ।
सच्चे और ईमानदार इन्सान ही धर्म ग्रंथों की बाते मुकम्मल तौर से समझ सकते हैं ।
मेघराज सिहं ,सच्चे और ईमानदार इंसान ही अपनी ज़िंदगी को परम आनंद में जी सकते हैं ।
नोट —इस रहस्यमय सच को सिर्फ़ सच्चे इंसान समझ सकते हैं ।
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( M S Khalsa)

डिस्क्लेमर : विचार लेखक के निजी हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है