देवबन्द: दारुल उलूम देवबंद के संस्थापक मौलाना क़ासिम नानोतवी के पड़ पौत्र और इस्लामी दुनिया में भारत का नेतृत्व करने वाले हज़रत मौलाना सालिम क़ासमी का निधन होगया है,जिसकी खबर फैलते ही देश और दुनिया मे शोक की लहर दौड़ गई है।नमाज़ जनाज़ा आज रात 14/4/2018 को रात्रि दस बजे दारुल उलूम देवबंद स्थित मौलसिरी में होगी।
मौलाना सालिम क़ासमी का जन्म 8 जनवरी 1924 में भारत के मशहूर आलिम दीन और दारुल उलूम के पूर्व मोहतमिम(प्रिंसिपल)के घर देवबन्द में हुआ था,प्राथमिक शिक्षा कई सारे गुरुओं से प्राप्त करी इसके बाद दारुल उलूम में दाखिला लिया और यहीं से फ़ज़ीलत की डिग्री प्राप्त करी।
मौलाना सालिम क़ासमी का नाम भारत के चोटी के लोगों में हुआ है,ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे,तथा दारुल उलूम वक़्फ़ देवबन्द के मोहतमीम रहे और आखरी उम्र में संरक्षक बने ।
मज़ाहिर उलूम सहारनपुर के कार्यकारणी सदस्य रहे,तथा अलीगढ़ मुस्लिम युनिवेर्सटी के कोर्ट सदस्य रहे,अखिल भारतीय राब्ता मसाजिद के संरक्षक रहे,और इस्लामिक फ़िक़्ह अकेडमी के संरक्षक रहे,मिस्र सरकार की तरफ से अवार्ड दिया गया,तथा मौलाना क़ासिम नानोतवी और हज़रत शाह वली उल्लाह अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
मौलाना क़ासमी का निधन दुनियाभर के लोगों के लिये बड़ा नुकसान है और द इंक़लाब डॉट कॉम इस दुःख की घड़ी में परिजनों और उनके शिष्यगणों को श्रदांजलि अर्पित करता है,मौलाना के जाने से जो नुक़सान भारत को हुआ उसका पूरा होना बड़ा मुश्किल है।