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भारत और चीन साल 2026 तक ब्रिक्स+ को जी7 से आगे बढ़ाने के लिए हैं तैयार – रिपोर्ट

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भारत और चीन साल 2026 तक ब्रिक्स+ को जी7 से आगे बढ़ाने के लिए हैं तैयार – रिपोर्ट

भारत के ईवाई के शोध के अनुसार, ब्रिक्स+ सिर्फ दो वर्षों में वैश्विक व्यापार में आगे बढ़ जाएगा। साल 2000 के बाद से वैश्विक निर्यात में ब्रिक्स+ की हिस्सेदारी 10.7% से बढ़कर 23.3% हो गई है, जबकि G7 का शेयर 45.1% से गिरकर 28.9% हो गया है।

ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार का कहना है, ‘वर्तमान रुझानों और संभावित नए सदस्यों को देखते हुए, ब्रिक्स+ व्यापारिक निर्यात में जी7 को पीछे छोड़ सकता है।’ चीन और भारत इस बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं। बीजिंग की ब्रिक्स+ में निर्यात हिस्सेदारी 62.5% है और नई दिल्ली का योगदान 7.9% है।

ईवाई के मुख्य नीति सलाहकार ने कहा, ‘ब्रिक्स+ सदस्यों के बीच समन्वित नीतियां जी7 और अमेरिकी डॉलर के स्थापित प्रभुत्व को चुनौती दे सकती हैं, जिससे एक नए बहुध्रुवीय वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का मार्ग प्रशस्त होगा।’

उन्होंने कहा, ‘वास्तव में ब्रिक्स+ समूह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश लेनदेन के संचालन के लिए एक मंच स्थापित कर रहा है, जो मौजूदा स्विफ्ट प्लेटफॉर्म का कम लागत वाला विकल्प बन सकता है।’