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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) भी पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन में शामिल हो सकता है – राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) भी पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन में शामिल हो सकता है.

इस आंदोलन में देश भर के कई किसान संगठन शामिल हैं लेकिन राकेश टिकैत वाला बीकेयू अभी इस से दूर है. बेंगलुरु से बीबीसी से फ़ोन पर बातचीत में टिकैत ने कहा कि वो बुधवार शाम को दिल्ली आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, “हमारी नज़र बनी हुई है. सरकार और किसानों की बातचीत बेनतीजा साबित हुई क्योंकि सरकार का रुख अड़ियल है. हम आंदोलन का हिस्सा अभी तक तो नहीं हैं. मगर इसका मतलब नहीं है कि हम किसानों के आंदोलन को समर्थन नहीं दे रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के मंत्रियों के बीच सहमति नहीं बन पाई क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य देने पर सरकार सहमत नहीं हो रही है और मामले को लटकाये रख रही है.

उधर, राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने किसानों के आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया है.

बीबीसी से टिकैत का कहना था कि किसानों के पिछले आंदोलन को समाप्त हुए 13 महीने बीत गए हैं लेकिन ना तो आंदोलन कर रहे किसानों पर से आपराधिक मामले वापस हुए हैं और ना ही उन्हें अपनी फसलों का सही मूल्य ही मिल पा रहा है.

उन्होंने कहा, “स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करने में अभी भी आनाकानी चल रही है जिसकी वजह से पूरे देश के किसान नुकसान उठा रहे हैं. इस आंदोलन में हम शामिल नहीं थे, लेकिन नाइंसाफ़ी हुई तो हम भी आंदोलन में कूदने पर मजबूर हो जाएंगे.