साहित्य

भजन : जुगनू की तीरथ यात्रा….By…देवराज बंसल

Dev Raj Bansal
================
·
जुगनू की तीरथ यात्रा
भजन
एक जुगनू मैया तैयार हो रहा तेरे दर पर आने को
जय माता की जय माता की जय बोलो जय माता की
एक से एक धनवान है आते आते हैं सेठों के सेठ
कहीं फसना जाए भगत तुम्हार चौड़ा कर ले गेट
अकेला वह नहीं आ रहा है साथ में उसकी सेना
सुंदर भेटें वह गाएगी है उसकी सहेली मैना
ढोल बजाते है वह ऐसा गंधर्व नहीं टिकने पाएंगे
सालों भर अभ्यास किया है नाच अपना दिखलाएंगे
रात अंधयारी में मेरी मैया वह उजाला इतना फैलाएंगें
तेरे भवन को उजला करने वाले दूर कहीं छुप जाएंगे
मैं भी उसको पहचान सका न खुशी में इतना फूला है
सोचेंगे तेरे भवन के भगत आज सूरज रास्ता भूला है
मुकुट उतार दिया उसने अपना तज अभिमान को आएगा
भेंटा नहीं कुछ पास में उसके देव अपना आप चढ़ाएगा
प्यारे भक्तों यदि आप में से कोई गायक अथवा गायिका हो , यदि वह मेरे द्वारा लिखे गए भजनों को अपना स्वर देना चाहे और कोई संगीतकार भी इसमें अपना योगदान देना चाहे तो मुझे अपार हर्ष होगा। कृपया संपर्क करें।
देवराज बंसल
8800873570