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ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हुई सांप्रदायिक झड़पों और हिंसा की घटनाओं के चलते तनाव बरकरार है. पुलिस ने किसी नई घटना की पुष्टि नहीं की है लेकिन पूर्वी लेस्टर इलाके में पट्रोलिंग लगातार जारी है.
बुधवार को लेस्टरशर पुलिस के अस्थायी चीफ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन ने एक खुला पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि अधिकारियों की तरफ से पर्याप्त कार्रवाई की गई है और आगे भी गिरफ्तारियां होंगी. बीते शनिवार और रविवार को हिंदू व मुसलमान समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं जिसके बाद पुलिस को स्थिति संभालने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी. अगस्त के अंत से शुरू हुए इस तनाव के मद्देनजर अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है. शनिवार को हुई उग्र घटनाओं में कम से कम 15 पुलिसकर्मियों समेत पुलिस के एक कुत्ते के घायल होने की खबर है. साथ ही 20 साल के एक लड़के को हथियार रखने के मामले में सजा सुनाई गई है.

लेस्टर से शुरू हुई हिंसा के बर्मिंघम तक पहुंचने की खबर भी है जहां एक मंदिर के बाहर प्रदर्शन की खबरों ने ये जता दिया कि स्थिति फिलहाल नाजुक है. लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने औपचारिक बयान जारी कर भारतीय समुदाय और हिंदू धर्मस्थल व धार्मिक प्रतीकों के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा की.
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कब और कैसे उपजा तनाव
लेस्टर ब्रिटेन के उन शहरों में है जहां सबसे ज्यादा संख्या में गैर-ब्रिटिश आबादी रहती है. पूर्वी लेस्टर में तनाव का ताजा दौर 28 अगस्त को हुए भारत-पाक टी20 मैच के बाद शुरू हुआ. एशिया कप के दौरान हुए इस मैच में भारत की जीत के बाद समर्थक जश्न मनाने के लिए शहर के बेलग्रेव इलाके में सड़क पर उतरे. वहां उन लोगों ने नारेबाजी की और जश्न हिंसक झड़पों में बदल गया.
पूरा ब्रिटेन जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार की तैयारी में लगा था तब लेस्टर में तनाव सुलग रहा था जिसका नतीजा शनिवार को दिखा. पुलिस के मुताबिक करीब 200 लोग शहर के ग्रीन लेन इलाके में सड़क पर मार्च करने के लिए उतरे जिसके बाद हिंसा भड़की, गाड़ियां तोड़ी गईं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.
पुलिस को इस अघोषित प्रदर्शन की ना जानकारी थी, ना ही उससे निपटने के लिए पर्याप्त बल मौजूद था नतीजतन पुलिसकर्मी चोटिल हुए. इसके बाद रविवार को 100 लोगों की भीड़ प्रदर्शन करने के लिए एकजुट हुई और पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया. नाजुक स्थिति को देखते हुए फिलहाल पुलिस की सक्रियता जारी है और अगले कुछ हफ्तों में कई गिरफ्तारियां होने की आशंका है. द गार्डियन अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा भड़काने के लिए लंदन के दूसरे इलाकों से लोगों के लेस्टर पहुंचने की सूचना है.
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पूर्वी लेस्टर सीट से सांसद क्लॉडिया वेबी ने 28 अगस्त को मैच के बाद पैदा हुए तनाव के संबंध में चीफ कॉन्स्टेबल के नाम लिखे अपने पत्र में कहा कि ऐसा लगता है कि “हिंसा राष्ट्रवाद की भावना से ओत-प्रोत थी लेकिन कुछ आम नागरिकों से ये पता चला है कि ये कोई छिट-पुट घटना नहीं थी बल्कि यह लेस्टर के एक समुदाय में इस्लामोफोबिक भावनाओं का नतीजा है”.
शहर में डर के माहौल और हिंसा को रोकने की कोशिशों के मद्देनजर हिंदू और मुसलमान समुदाय की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया गया है. लेस्टर में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष प्रद्युम्न दास ने एक मस्जिद के सामने बयान पढ़ते हुए कहा कि “हम दो धर्मों के लोग आधी शताब्दी से इस सुंदर शहर में रह रहे हैं. हम एक वक्त पर यहां आए, एक जैसी चुनौतियां झेलीं, जातीय भेद-भाव का सामना किया…यहां शांति भंग करने की कोशिश करने वालों को हमारा संदेश साफ है, हम तुम्हे जीतने नहीं देंगे”. हिंसा के इस दौर के पीछे क्रिकेट राष्ट्रवाद हो या धार्मिक ध्रुवीकरण, माहौल को बिगाड़ने में सोशल मीडिया ने बेहद नकारात्मक किरदार निभाया.
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