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मैं अपनें आस पास जितने भी लोगों को देखती हूं उनमें बिलकुल शांत और ख़ुश मुझे कोई भी नहीं दिखाई पड़ता लेकिन…
मनस्वी अपर्णा =========== #थोड़ा_है_थोड़े_की_ज़रूरत_है जावेद अख़्तर साहब का एक बड़ा मशहूर शेर है उसी से अपनी बात शुरू करती हूॅं शेर कुछ यूं है..….. सबका खुशी से फासला एक क़दम है हर घर में बस एक ही कमरा कम है ये शेर और इसका मफहूम हमारी ज़मीनी हक़ीक़त है, मैं अपनें आस पास जितने भी […]
इंद्रदेव को वर्षात के लिए धन का आवंटन तो कर दिया था न?…तो फिर गड़बड़ी कहाँ हुई?
चित्र गुप्त ============= · समाधान ******** चित्रगुप्त…! “गुप्तचरों से पता चला है कि वन के सारे घास फूस और छोटे पेड़ पौधे सूख रहे हैं इंद्रदेव को वर्षात के लिए धन का आवंटन तो कर दिया था न?” “हां महाराज बीस लाख करोड़ का पैकेज जारी किया था। जो कि कुबेर की पूरी संपदा का […]
मनियारी काकी
Madhu Singh ================ चूड़िहारिन/ मनियारी काकी🥰 जो कोई भी तीज त्योहार हो या शादी बियाह अपने टोकरे में लाल,पीली,हरी चूड़ियां लेकर हाजिर रहती थी…….उनके आते ही हम सब बड़ो से पहले उनकी डलिया घेर कर बैठ जाती । हमारी नजरे तब तक उससे नहीं हटती जब तक काकी उसका कपड़ा हटा नहीं देती। उसके बाद […]