बैंकॉक : थाइलैंड की संवैधानिक अदालत ने शुक्रवार को फैसला दिया कि प्रधानमंत्री प्रयुथ चान ओचा अपने पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन उस संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं कर सकते जो उनके कार्यकाल को आठ साल तक के लिए सीमित करता है।
विपक्षी दलों के सांसदों ने अदालत में याचिका दाखिल करके कहा है, कि प्रयुथ ने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के लिए आठ साल की तय अवधि का उल्लंघन किया है, जिसे थाईलैंड के वर्ष 2017 के संविधान में पहली बार शामिल किया गया था। वर्ष 2014 में तख्ता पलट के बाद प्रयुथ ने सैन्य कमांडर के रूप में सत्ता हासिल की थी।
अगस्त 2014 में सैन्य सरकार में प्रयुथ आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री बन गये और वर्ष 2019 में उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया गया। वर्ष 2014 को शुरुआती तिथि मानें तो उन्होंने पिछले महीने ही वैध कार्यकाल की सीमा पूरा कर ली होगी।
प्रधानमंत्री और उनके समर्थक यह दलील दे रहे हैं कि कार्यकाल की वैध अवधि की शुरुआत अप्रैल 2017 से शुरू होनी चाहिए जब से मौजूदा संविधान अस्तित्व में आया। इस आधार पर यदि वह अगले आम चुनाव में पद पर फिर से वापसी करते हैं, तो उनका कार्यकाल वर्ष 2025 तक रहेगा।
नौ सदस्यीय अदालत ने कहा कि प्रयुथ के कार्यकाल की गणना नए संविधान के लागू होने की तारीख से की जानी चाहिए।