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क्या कपड़े पहन लिए तुमने, सारी शर्म और हया बेच खाई क्या!!!
Shiwani Ojha =================== ” अरे! ये क्या कपड़े पहन लिए तुमने। सारी शर्म और हया बेच खाई क्या बहू। हमारे घर में इस तरह के कपड़े कोई नहीं पहनता। जाओ जाकर साड़ी पहनो”सास डांटते हुए बोली। “लेकिन मम्मी जी हम लोग पार्टी में जा रहे हैं। इन्होंने ही कहा है कि तुम्हें गाउन पहनना पड़ेगा। […]
मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ…क्या पता हम खुद किसके भाग्य से खा रहे हैँ!
Apna mohalla-अपना मोहल्ला ======== एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई भीड़ का […]
कहानी – दाज्यू…….लेखक-✍ शेखर जोशी
चित्र गुप्त =============== · कहानी – दाज्यू ✍ शेखर जोशी **************** चैक से निकलकर बाईं ओर जो बड़े साइनबोर्ड वाला छोटा कैफे है वहीं जगदीश बाबू ने उसे पहली बार देखा था। गोरा-चिट्टा रंग, नीला श़फ्फ़ाफ़ आँखें, सुनहरे बाल और चाल में एक अनोखी मस्ती-पर शिथिलता नहीं। कमल के पत्ते पर फिसलती हुई पानी की […]