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काश! मेरे भी पापा होते….
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== यश पैर पटकता हुआ रूम से निकला और अपने पापा की कार में पिछली सीट पर जाकर बैठ गया. दीपक और उनकी पत्नी उदास से कार में बैठे थे… क्योंकि यश की प्रतिक्रिया देखकर जाने का मन नहीं था, पर बचपन के दोस्त शेखर ने अपने बर्थडे पर सपरिवार बुलाया था. […]
बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है!!वीर बहादुर सिंह की रचना पढ़िये!!
Beer Bahudur Singh ============= बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है। बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है, क्यों, बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर करके रोता है। माँ बेटी के रिश्तों […]
बैठी हूं ख़ामोशियां ओढ़कर बस इंतज़ार तेरा है : प्राची मिश्रा की रचना पढ़िये
Prachi Mishra ============== बैठी हूं खामोशियां ओढ़कर बस इंतजार तेरा है आ भी जाओ वो कहानियां लेकर जिन किस्सों में हक बस मेरा है तुम न आए तो ये रात कैसे ढलेगी कैसे आएगी सुबह,कब तक शमा ये जलेगी आ भी जाओ ओस की डोलियां लेकर तुमसे रात तुम्हीं से मेरा सवेरा है बात की […]