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बेघर हो जाने वाले फ़िलिस्तीनियों की वापसी फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की विजय है और उसका अर्थ अतिग्रहणकारियों की पराजय की घोषणा है!

पार्सटुडे- सोमवार की सुबह से उत्तरी ग़ज़ा पट्टी में बेघर होने वाले फ़िलिस्तीनियों की वापसी की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है।

हज़ारों बेघर होने वाले फ़िलिस्तीनी सोमवार की सुबह से तटवर्ती सड़क अर्रशीद से होकर ग़ज़ा पट्टी और उत्तरी ग़ज़ा पट्टी में वापस आ रहे हैं। फ़िलिस्तीनी लोग आज सुबह से उत्तरी ग़ज़ा पट्टी में वापस आने के एलान से बहुत ख़ुश हैं।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधक संगठन हमास ने इस संबंध में एलान किया है कि बेघर हो जाने वाले फ़िलिस्तीनियों की वापसी फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के लिए एक विजय है और उसका अर्थ अतिग्रहणकारियों की पराजय की घोषणा है।

इसी प्रकार हमास ने कहा है कि यह वापसी फ़िलिस्तीनियों को ग़ज़ा पट्टी से पलायन करने पर बाध्य करने पर आधारित ज़ायोनियों की योजना की नाकामी का एलान है।

हमास की ओर से जारी होने वाले बयान में आया है कि बेघर हो जाने वाले फ़िलिस्तीनियों की घर वापसी ने सिद्ध कर दिया है कि फ़िलिस्तीनियों का इरादा व प्रतिरोध तोड़ने में ज़ायोनी सरकार नाकाम हो गयी है। इसी प्रकार हमास के बयान में आया है कि ज़ायोनी सरकार अपने शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों को पूरा करने में विफ़ल व पराजित हो गयी है।

इससे पहले न्यूज एजेन्सी शहाब ने एलान किया था कि जो समझौता हुआ है उसके और ज़ायोनी सेना के बयान के अनुसार ग़ज़ा के लोग सोमवार की सुबह सात बजे से पैदल नस्तारिम और अर्रशीद सड़क के ज़रिये उत्तरी ग़ज़ा में अपने घरों को लौट सकते हैं। इसी प्रकार वाहन भी चेक होने के बाद सुबह नौ बजे से सलाहुद्दीन रोड से उत्तर ग़ज़ा में लौट सकते हैं।

इसी संबंध में हमास के प्रवक्ता अब्दुल्लतीफ़ अलक़ानूअ ने कहा है कि फ़िलिस्तीन के लोग अपनी मातृभूमि में जमे हुए हैं और उन्हें बेघर करने की हर योजना विफ़ल व नाकाम होगी। उन्होंने बल देकर कहा कि फ़िलिस्तीनी लोग अपनी मातृभूमि में बाक़ी रहेंगे।

अमेरिका और क़तर ने 25 जनवरी 2025 को एलान किया था कि इस्राईल और हमास में युद्ध विराम हो गया है। यह युद्धविराम समझौता 19 जनवरी 2025 से लागू हो गया है और उसका पहला चरण 6 सप्ताह लंबा खिंचेगा और इसके दौरान दूसरे और तीसरे चरण के समझौते के बारे में वार्ता होगी।

युद्ध विराम के समय से ग़ज़ा पट्टी में लापता हो जाने वाले और इसी प्रकार मलबे के नीचे रह जाने वाले शहीदों के शवों की तलाश आरंभ हो गयी है और प्रतिदिन ग़ज़ा पट्टी के विभिन्न क्षेत्रों से मलबे के नीचे से बहुत से शहीदों के शव निकाले जा रहे हैं।

इसी बीच ग़ज़ा पट्टी के स्वास्थ्यमंत्रालय ने एलान किया है कि शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 47 हज़ार 306 हो गयी है। इस रिपोर्ट के अनुसार सात अक्तूबर 2023 से आरंभ होने वाले ज़ायोनी सरकार के हमलों में 47 हज़ार 306 लोगों के शहीद होने के अलावा एक लाख 11 हज़ार 483 लोग घायल हुए हैं।

ग़ज़ा के स्वास्थ्यमंत्रालय ने इसी प्रकार एलान किया है कि ज़ायोनी सरकार के हमलों में भेंट चढ़ने वाले बहुत से लोग अब भी मलबों के नीचे और सड़कों आदि पर दबे हुए हैं और राहतकर्मी उन्हें अभी तक ढूंढ़ नहीं पाये हैं।

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