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बृजभूषण शरण के कारण, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया, ममता बनर्जी ने जताई चिंता!

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है कि कुश्ती नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का भारत के कुश्ती महासंघ को निलंबित करना हैरान करने वाला है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, ये फ़ैसला भारतीय कुश्ती महासंघ में चुनाव न होने के कारण लिया गया है.

पीटीआई लिखता है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबन के बाद अब भारतीय पहलवानों को आगामी विश्व चैंपियनशिप में भारतीय ध्वज के तहत प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं मिलेगी.

16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक क्वालिफाइंग विश्व चैंपियनशिप में अब पहलवान ”न्यूट्रल एथलीट” के तौर पर हिस्सा लेंगे.

Mamata Banerjee
@MamataOfficial
I am shocked to learn that The United World Wrestling (UWW) has suspended the Wrestling Federation of India. It is a matter of grave embarrassment for the whole nation. Central government has let down our wrestlers by being shamefully arrogant and by being cavalier & dismissive towards the plight of our wrestler sisters. Centre and BJP have kept on harassing our indomitable sisters with misogyny and crude male chauvinism. India should stand against and punish those who are left with no moral compass and who can not stand up for the dignity of the Nation’s fighting daughters. The day of reckoning is not too far.

इस साल की शुरुआत में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पहलवानों ने प्रदर्शन किया था और उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.

इन आरोपों के बाद अब तक भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव नहीं हो सके.

नियम के मुताबिक़ इन चुनावों को जून 2023 तक हो जाना चाहिए था.

फरवरी से बृजभूषण शरण सिंह इस पद से हटाए जा चुके हैं. मई में उनका कार्यकाल भी पूरा हो चुका है. लेकिन इसके बाद भी अब तक कुश्ती महासंघ में चुनाव नहीं हुआ है.

ममता बनर्जी ने जताई चिंता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे चौंकाने वालाा मामला बताया है.

ममता बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मैं यह जानकर हैरान हूं कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है. यह पूरे देश के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात है.”

”महिला पहलवानों की दुर्दशा के प्रति केंद्र सरकार के शर्मनाक और अहंकारी रवैये ने हमारे पहलवानों को निराश किया है. केंद्र और बीजेपी अपने पुरुषवाद और स्त्रीद्वेष से हमारी महिला पहलवानों को परेशान करते रहे हैं. भारत को उन लोगों के ख़िलाफ़ खड़ा होना चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए जिनमें कोई नैतिक संवेदना नहीं बची है और जो देश की फाइटर बेटियों की गरिमा के लिए खड़े नहीं हो सकते हैं. हिसाब-किताब का दिन अब ज़्यादा दूर नहीं है.”