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ईरानी मजदूर साबिर हका की कविताएं
ईरानी मजदूर साबिर हका की कविताएं तडि़त-प्रहार की तरह हैं. साबिर का जन्म 1986 में ईरान के करमानशाह में हुआ. अब वह तेहरान में रहते हैं और इमारतों में निर्माण-कार्य के दौरान मज़दूरी करते हैं. साबिर हका के दो कविता-संग्रह प्रकाशित हैं और ईरान श्रमिक कविता स्पर्धा में प्रथम पुरस्कार पा चुके हैं. लेकिन कविता […]
“आइना….मेरे मम्मी पापा को मेरी पसन्द-नापसन्द की कोई फ़िक्र ही नहीं
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============ “आइना…. चोरी-छिपे मोबाइल फोन पर दोनों घंटों बात करते रहते थे सुबह व्हाट्सएप पर गुड मॉर्निंग से देर रात गुड़ नाइट तक क्या कर रहे हो ….क्या खाया…. कहा थे…. यही सब चलता रहता था दोनों एक-दूसरे को चाहते थे अक्सर बहाने से मिलते भी रहते थे कोचिंग क्लास से शुरू […]
*मायके वाले आ रहे हैं*
Laxmi Kumawat ======= * मायके वाले आ रहे हैं * इस कहानी की प्रमुख किरदार है काव्या। काव्या राजेन्द्र जी और रजनी जी की बहू, विराज की पत्नी है। काव्या की एक दो साल की बेटी नायरा भी है। छोटा सा परिवार है। काव्या की शादी को चार साल पूरे हुए हैं। इसी उपलक्ष्य में […]