विशेष

बीजेपी उत्तर प्रदेश की 80 में से 33 सीटें ही जीत पाई है, इसमें16 सीटों पर बीजेपी की जीत में बीएसपी ने अहम भूमिका निभाई है!

Ali Sohrab
@007AliSohrab
TDP ने बीजेपी से एनडीए में बने रहने के लिए निम्न मांग की है –
उन्होंने लोकसभा में स्पीकर पद की मांग की है
इसके अतिरिक्त वे यह भी मांग रहे हैं:-
1. सड़क परिवहन
2. ग्रामीण विकास
3. जल शक्ति
4. आवास एवं शहरी
5. शिक्षा
6. वित्त
7. कृषि एवं आईटी

बीजेपी के साथ बने रहने के लिए JDU की मांग
1. रेल मंत्रालय
2 वित्त मंत्रालय
3. गृह मंत्रालय
और 3- 4 राज्य मंत्री

शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी
1 कैबिनेट और
2 राज्य मंत्री चाहते हैं

चिराग पासवान भी समर्थन के बदले
1 कैबिनेट और 1 राज्य मंत्री की मांग कर रहे हैं

जीतन राम माझी भी
कैबिनेट मंत्री बनने के बदले ही समर्थन देंगे

मन ही मन बड़बड़ाते हुए मोदी: सबकुछ तो ले लिया अब 2 किडनी बची है, वो भी ले लो…🥵
“कटाक्ष”

Dr. Udit Raj
@Dr_Uditraj
मोदी जी को लोग अजेय समझ रहे थे इसलिए पूरी ताक़त हराने में नही लगाया वर्ना क़रीब ड़ेढ़ लाख की जीत को हार में बदलना मुस्किल नही था।जिसके नेतृत्व में पूरा चुनाव NDA का लड़ा वो इतने कम से जीते वो कैसा नेता ?

Dr. Udit Raj
@Dr_Uditraj
मोदी जी को लोग अजेय समझ रहे थे इसलिए पूरी ताक़त हराने में नही लगाया वर्ना क़रीब ड़ेढ़ लाख की जीत को हार में बदलना मुस्किल नही था।जिसके नेतृत्व में पूरा चुनाव NDA का लड़ा वो इतने कम से जीते वो कैसा नेता ? शिवराज सिंह चौहान क़रीब 8 लाख वोट से जीते तो इनको या नितिन गड़करी या अमित शाह जैसे लोगों को पीएम बनाना चाहिए, यह मेरा निजी सुझाव है । चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार भी पीएम की दावेदारी कर सकते हैं । आई के गुजराल और चंद्र शेखर सिंह अकेले एमपी होते पीएम बनें थे कि नही?

Pratik Patel
@PratikVoiceObc
उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर इस बार लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी नेता सकते में हैं. बीजेपी इस बार 80 में से 33 सीटें ही जीत पाई. इसमें भी 16 सीटों पर बीजेपी की जीत में बीएसपी ने अहम भूमिका निभाई है. इन सीटों पर अगर बीएसपी नहीं होती तो बीजेपी की हालत और खराब हो सकती थी. सियासी चाल से सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी मामूली अंतर से यूपी में बीजेपी प्रत्याशी से हार गए.

Parvez Ahmad
@parvezahmadj
ये कौशांबी के गुजवर गांव के तीन बूथों का वोट प्रतिशत है.गांव में 80/85% मुस्लिम आबादी है. नरेंद्र मोदी सरकार ने इस गाँव में 92% मुस्लिमों को फ्री राशन, उज्ज्वला योजना गैस, पीएम मुद्रा का ऋण दिया. 259 परिवारों को आवास के लिए धन दिया…
इस गांव में के तीनों बूथों में भाजपा को सिर्फ 337 वोट मिले, उसमें से 100 वोट भाजपा प्रत्याशी के सजातीय होने अनुमान है क्यूंकि इस जाति का सबसे अधिक वोट बूथ संख्या-147 में ही है, जहां से भाजपा को 164 वोट मिले हैं ….और सपा प्रत्याशी को तीनों बूथों पर कुल वोट 982 वोट मिला है !!
# यानि जिन्हें सरकार की सबसे अधिक सुविधा मिली उन्होंने भाजपा के विरोध में वोट किया !!!
# भाजपा को मुसलमानों का 1% वोट भी नहीं मिला…राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा नाम का संग़ठन खत्म करने की ज़रूरत है ???

ravish kumar
@ravishndtv
एक कहानी बताता हूँ। 2003-2004 में टीवी पर इसी तरह का बकवास चल रहा था कि अटल जी के सामने कोई विकल्प नहीं है। TINA फ़ैक्टर है। हमारे अज़ीज़ गाँव से आए थे और इसे सुनते ही भड़क गए। इतने ग़ुस्से में थे कि कहने लगे कि पत्रकारिता छोड़ो। पूछने पर उन्होंने कहा कि इस देश में पत्रकार की यह भाषा कैसे हो सकती है कि कोई विकल्प नहीं है। इसका मतलब है वह पत्रकार लोकतंत्र के लिए ख़तरा है। उसे कोई समझ नहीं है। मैं सन्न रह गया। अगली सुबह तक उनका ग़ुस्सा नहीं उतरा और TINA फ़ैक्टर का मज़ाक़ उड़ाने लगे।

1 जून को जब गुप्ता एग्ज़िट पोल पर वही लोफर एंकर खुश हो रहे थे कि विपक्ष नहीं बचा। तब मुझे उस दिन की डांट याद आई। उसी दिन मैंने एक वीडियो बनाया। उसका टाइटल था शाबाश विपक्ष। मेरे अज़ीज़ की डांट ने एक बात साफ़ कर दी थी कि जब विकल्प नहीं है तो वह लोकतंत्र ही नहीं है। सूरत और इंदौर में विकल्प ख़त्म किया गया। वहाँ लोकतंत्र नहीं था।

अच्छा सूट पहनने वाले चुनाव आयुक्त ने भी कहा था कि ऐसी जीत की प्रतिष्ठा नहीं होती। टेलर सूट सिल सकता है किरदार नहीं बना सकता । मेरे टेलर को बुरा लगता है जब वे गोदी मीडिया के लोफर एंकरों को नए-नए सूट में देखते हैं। हर दस दिन पर फ़ोन करते हैं कि इस रंग का सूट बना दूँ। मैं मना कर देता हूँ । मैं उनका नंबर शेयर कर सकता हूँ लेकिन केवल मुख्य चुनाव आयुक्त को दूँगा। गोदी एंकरों को नहीं । गोदी एंकरों का टेलर फ़ासीवाद को सुंदर बनाता है। मेरे टेलर साहब लोकतंत्र को संवारने का सपना देखते हैं।

शाबाश विपक्ष । गोदी मीडिया के कितने एंकर यह काम कर पाते। लिख देते तो गोदी सेठ हंटर से न्यूज़ रूम में पिटवाता। इन एंकरों के बस की बात नहीं। उनका काम है अंग्रेज़ी बोल कर लोकतंत्र की हत्या करना और हिन्दी बोल कर उसकी लाश पर नाचना।

इस चुनाव में विपक्ष ने नंगे पाँव तपती सड़क पर दौड़ लगाई है। गुंडा हो चुकी एजेंसियों से उसके हाथ पाँव बांध दिए गए थे। हत्यारी गोदी मीडिया से भी उसे लड़ना था। वरना चार सौ की संख्या विपक्ष की तरफ़ आती। इस हाल में विपक्ष को एक सीट आती तब भी यही टाइटल लगाता। शाबाश विपक्ष ।

इस वीडियो को 9.5 M व्यूज़ मिले हैं। 1 जून को अपलोड किया था। उसी दिन 6 M हो गया था। मेरे पास कोई गोदी सेठ होता तो उसी के पैसे से हर शहर में विज्ञापन का स्पेस ख़रीदता और लिखवा देता- गोदी मीडिया लोकतंत्र का हत्यारा है।

डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में लोगों के निजी विचार हैं, तीसरी जंग का कोई सरोकार नहीं है