ब्लॉग

बिहार मॉडल के नायक बनकर उभरे RJD युवा नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव

Kranti Kumar
@KraantiKumar
मीडिया द्वारा बनाया गया गुजरात मॉडल फेल, केरल मॉडल फेल और मार्केटिंग के आधार पर बनाया गया दिल्ली मॉडल भी फेल है.

विकासशील और रोजगार देने वाला राज्य बनकर “बिहार मॉडल” ने कम समय में सफलता प्राप्त की.

बिहार मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बना. अन्य राज्यों पर भी रोजगार देने के लिए दबाव बना. जिन राज्यों में BJP की सरकार है वहां नए रोजगार नही विकसित किए गए. सरकारी पदों को भी नही भरा जा रहा है.

बिहार मॉडल के नायक बनकर उभरे RJD युवा नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी.

बिहार मॉडल को नेस्तनाबूद करने के लिए BJP ने JDU – RJD गठबंधन को तोड़वा दिया.

अब जनता को तय करना है उन्हें 2024 में बेरोजगारी देने वाला MODI मॉडल चाहिए या रोजगार देने वाला बिहार मॉडल चाहिए ?

Kranti Kumar
@KraantiKumar
BSP का गठन CONGRESS और BJP से लड़ने के लिए किया गया था.

SP का गठन CONGRESS और BJP से लड़ने के लिए किया गया था.

BSP और SP का गठन आपस में लड़ने के लिए नही हुआ था.

कांशीराम और मुलायम सिंह एक मत रहते तो दिल्ली में BJP की सरकार कभी नही बनती.

बहन मायावती और अखिलेश यादव एक पार्टी में होते तो मोदी जी देश के प्रधानमंत्री नही बन पाते. U.P में BJP 2014 में 62 और 2019 में 71 लोकसभा सीट जीती थी.

लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, शरद यादव, रामविलास पासवान अगर एक दल में होते तो आज भारतीय राजनीति की तस्वीर कुछ और होती.

BJP इस वक़्त सबसे ताकतवर पार्टी इसलिए है कारण इस पार्टी में नेताओं ने निजी महत्वकांक्षा दरकिनार कर पार्टी के मिशन को अहमियत दी जाने की शिक्षा दी है.

अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की मजबूत त्रिमूर्ति जोड़ी ने BJP को शिखर तक पहुंचाया.

लालकृष्ण आडवाणी ने अपने कदम पीछे कर, अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई.

नीतीश कुमार अपनी निजी महत्वकांक्षा को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं.

नीतीश कुमार ने इतिहास से कुछ नही सीखा. इन्हें इतिहास भूला देगा या विभीषण के रूप में याद किए जाएंगे.


– लेखक के निजी विचार हैं