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बिहार में स्कूली शिक्षक एक बार फिर से सड़कों पर : बीजेपी तेजस्वी यादव के इस्तीफ़े पर अड़ी!

बिहार में स्कूली शिक्षकों का मसला एक बार फिर से सड़कों पर है. एक ओर जहां सूबे में 10 जुलाई से मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई, वहीं प्रदेश भर के स्कूली शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं.

इन शिक्षकों में अधिकांश वे हैं जो बीते कई वर्षों से सूबे के स्कूलों में पढ़ा रहे हैं.

बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों में क्वॉलिटी एजुकेशन का हवाला देते हुए क़रीब 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली के लिए बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा लेने का फ़ैसला लिया है. इसके लिए परीक्षा फ़ॉर्म भी भरे जाने लगे हैं.

हालाँकि कैबिनेट के एक नए फ़ैसले से जब ‘डोमिसाइल नीति’ ख़त्म करने की बात कही गई, तब राज्य में अलग-अलग जगहों पर शिक्षकों का प्रदर्शन और तेज़ हो गया.

‘डोमिसाइल नीति’ ख़त्म करने के फ़ैसले से अब राज्य के बाहर के अभ्यर्थी भी अब बिहार में शिक्षक बन सकते हैं.

प्रदर्शन कर रहे इन शिक्षकों में से एक अखिलेश जो दरभंगा में पिछले 9 साल से पढ़ा रहे हैं, आंदोलन और प्रदर्शन के सवाल पर कहते हैं, “हम पिछले 9 साल से राज्य में प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. जब भी सरकार ने परीक्षा आयोजित की हमने दी.”

वो कहते हैं, “जैसे टीईटी और डीएलएड की परीक्षा साल 2011 में ही पास की और पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने हम सभी से वादा किया था कि वे हमें राज्यकर्मी का दर्जा देंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा. इस पर से एक नया शिगूफ़ा कि अब हमें बीपीएससी के माध्यम से होने वाली शिक्षक बहाली की परीक्षा देनी होगी. हम इसके ख़िलाफ़ आज प्रदर्शन के लिए पटना में जुटे हैं.”

भाकपा (माले) के विधायक अजीत कुशवाहा भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए.Image caption: भाकपा (माले) के विधायक अजीत कुशवाहा भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए.
बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन होते रहे हैं.

कभी अलग-अलग चरणों में बहाली को लेकर तो कभी राज्यकर्मी बनाने और सरकारी भत्ते के लिए. अब तो इस प्रदर्शन में महागठबंधन में शामिल भाकपा (माले) जैसे दल के नेता और विधायक भी शामिल हो गए हैं.

इस प्रदर्शन में शामिल हुए भाकपा (माले) के विधायक अजीत कुशवाहा ने बीबीसी हिंदी से कहा, “शिक्षक समाज बिहार का एक बड़ा समाज है और हम उस समाज के साथ हैं. इसके अलावा इनकी माँग भी जायज़ है. हम तो इस मसले पर हमेशा से शिक्षकों के साथ रहे हैं. इस संदर्भ में हमने मुख्यमंत्री से भी बात की है. मुख्यमंत्री ने भी हमें आश्वस्त किया है कि वे इस मसले पर सकारात्मक पहल लेने के लिए तैयार हैं. हम उम्मीद करते हैं कि नीतियाँ शिक्षकों के पक्ष में बनाई जाएंगी.”

बीजेपी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफ़े पर अड़ी, बिहार विधानसभा में फिर हंगामा

चंदन कुमार जजवाड़े

बीबीसी संवाददाता, बिहार से

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के लगातार दूसरे दिन भी हंगामा जारी है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी हंगामा करती नज़र आई.

बीजेपी का आरोप है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा को बोलने का मौका नहीं दिया गया, उसके बाद बीजेपी के सदस्यों ने खड़े होकर इसका विरोध किया.

इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

यह विरोध प्रदर्शन ज़मीन के बदले नौकरी के कथित घोटाला मामले को लेकर तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी के ख़िलाफ़ किया जा रहा है. बीजेपी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफ़े की मांग कर रही है.

कथित ‘लैंड फ़ॉर जॉब’ घोटाले पर सीबीआई की चार्जशीट में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का भी नाम शामिल है.

इसके बाद से बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बना रही है कि वह तेजस्वी यादव का इस्तीफ़ा लें.

हालांकि इस मामले में जेडीयू ने बीजेपी पर भी सवाल खड़ा किया है कि वह बाकी राज्यों में भी भ्रष्टाचार के मामले को उसी नज़र से देखें.

सोमवार को भी विधानसभा की कार्यवाही क़रीब 15 मिनट की चल पाई थी और बीजेपी के विरोध की वजह से इसे स्थगित करना पड़ा था.

इस बीच बिहार में नियोजन नीति को लेकर भी लगातार हंगामा जारी है. बिहार में शिक्षकों की बहाली को लेकर नियम में किए गए बदलाव की वजह से शिक्षक और नौकरी चाहने वाले युवा इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं.

उनका आरोप है कि बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरी के अवसर देने से बिहार के बेरोज़गारों पर इसका असर पड़ेगा. मंगलवार को आक्रोशित युवा विधानसभा का घेराव भी कर सकते हैं, इसकी आशंका भी बनी हुई है.

इस मुद्दे पर सदन में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बयान दे रहे थे तभी बीजेपी के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया. मंगलवार को सदन कार्यवाही शुरू होने के छह मिनट के अंदर ही इसे स्थगित करना पड़ा है.