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बिसाहड़ा में प्रतिबंध के बावजूद हुई महापंचायत, खामोश देखता रहा प्रशासन

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ग्रेटर नोएडा । दादरी के बिसाहड़ा गांव में प्रशासन द्वारा महापंचायत आयोजित किये जाने की अनुमति न दिए जाने के बावजूद सोमवार को फिर इस गांव में अख़लाक़ के हत्यारोपी पक्ष के समर्थन में पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में कई भाजपा नेताओं को भी देखा गया ।

पुलिस की निषेधाज्ञा को धता बताते हुए बीजेपी और शिवसेना से जुड़े नेताओं के एक समूह ने यहां महापंचायत आयोजित की, जिसमें उन्होंने अखलाक के परिवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इससे पहले पुलिस ने इस महापंचायत की वजह से तनाव भड़कने की आशंका के मद्देनजर दादरी में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लगा दी थी, जिसके तहत लोगों को इकट्ठा होने की इजाज़त नहीं होती।

हालांकि इसके बावजूद बीजेपी नेता संजय राणा के आह्वान पर सोमवार शाम उसी मंदिर में महापंचायत हुई, जहां से लाउड स्पीकर पर अखलाक के घर में गोमांस रखे होने की बात कही गई थी, जिसके बाद उग्र भीड़ ने उसके घर पर धावा बोल दिया था। वहीं पुलिस का कहना है कि गांव में शांति बनाए रखने के लिए उसने महापंचायत होने दे दी।

इससे पहले बीजेपी नेता राणा ने सोमवार सुबह कहा था कि गोवध को लेकर यहां लोगों में गुस्सा है, इसलिए इसे लेकर कुछ किया जाना जरूरी है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि गांव में किसी भी तरह का तनाव नहीं है। गौरतलब है कि पुलिस के मुताबिक अखलाक की हत्या के तार राणा के बेटे विशाल से जुड़े हुए हैं।

गभग 400 हिन्दू तथा 25 मुस्लिम परिवारों के बिसहड़ा गांव में रहने वालों का कहना है कि नई रिपोर्ट से साबित होता है कि अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या के मामले में जांच की जानी चाहिए, क्योंकि वह राज्य में गैरकानूनी है, हालांकि गोमांस रखना गैरकानूनी नहीं है।

पिछले साल भी एक मंदिर से पुजारी द्वारा यह घोषणा की गई थी कि अखलाक ने गोहत्या की है, और उसकी पत्नी रात के खाने में गोमांस पका रही है। इसी घोषणा के बाद सहिष्णुता के रास्ते पर चलते आ रहे गांव में हंगामा मच गया था।