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बिल्क़ीस बानों मामले के दोषियों की रिहाई, विपक्ष का केन्द्र पर हमला, मोदी और केजरीवाल चुप!

कांग्रेस पार्टी ने बिल्क़ीस बानों मामले की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि सभी दोषियों की रिहाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्वीकृति से हुई और यह सब चुनाव के मद्देनज़र किया गया।

पार्टी ने यह सवाल भी किया कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप क्यों हैं।

गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि बिल्क़ीस बानों सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को माफ़ी देने के लिए केंद्र सरकार से मंज़ूरी ली गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में बिलक़ीस बानों मामले के 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के ख़िलाफ़ याचिका के जवाब में गुजरात सरकार ने कहा है कि इस क़दम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंज़ूरी दी थी। सरकार के हलफ़नामे के अनुसार, सीबीआई, स्पेशल क्राइम ब्रांच, मुंबई और सीबीआई की अदालत ने सज़ा माफ़ी का विरोध किया था।

हलफनामे ने सरकार ने यह भी कहा है कि दोषियों का व्यवहार अच्छा पाया गया था और उन्हें इस आधार पर रिहा किया गया कि वे क़ैद में चौदह साल गुज़ार चुके थे।

इसके बाद विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि लाल क़िले से महिला सम्मान की बात, लेकिन असलियत में ‘बलात्कारियों’ का साथ, प्रधानमंत्री के वादे और इरादे में अंतर साफ़ है, प्रधानमंत्री ने महिलाओं के साथ सिर्फ छल किया है।

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि देश इंतजार कर रहा है मोदी जी, कुछ इस मुद्दे पर भी अपने मन की बात बताइए।

खेड़ा ने बिल्क़ीस मामले पर एक अन्य ट्वीट में कहा कि जहां सरकार बलात्कार की शिकार का मज़हब और बलात्कारी का धर्म देखकर अपने निर्णय ले, क्या वहां अब कुछ बचा है लड़ने को?

कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा सरकार की तरफ से पहली बार कहा गया है कि सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों की रिहाई पर मोदी सरकार ने सहमति दी, यह बड़ी विडंबना है कि रिहाई 15 अगस्त को हुई।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया कि विशेष अदालत द्वारा खारिज, सीबीआई द्वारा शक जताए जाने के बाद केवल केंद्र की भाजपा सरकार बिल्क़ीस बानों के दोषियों की रिहाई को लेकर दृढ थी, बलात्कारियों और हत्यारों की आजादी उसकी प्राथमिकता है न कि न्याय की उम्मीद कर रही एक महिला की याचिकाएं, यह सरकार के चरित्र के बारे में काफी कुछ कहता है, है न?

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि 11 बलात्कारियों की रिहाई अमित शाह की स्वीकृति से की गई, अब सवाल प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर है, अरविंद केजरीवाल की चुप्पी को लेकर है।

ज्ञात रहे कि अपनी क्षमा नीति के तहत गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा दोषियों को माफी दिए जाने के बाद बिल्क़ीस बानों सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को 16 अगस्त को गोधरा के उप कारागार से रिहा कर दिया गया था।

बिल्क़ीस बानों मामले में दोषियों को रिहा करने के लिए गुजरात सरकार के केंद्र से इजाज़त लेने संबंधी खबरें आने के बाद ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर हमला बोला।

ओवैसी ने ट्विटर पर कहा कि रिहाई केंद्र सरकार की ख़ुद की नीति के खिलाफ थी, लेकिन भाजपा, राज्य और केंद्र सरकार ने इन बलात्कारियों, क़ातिलों और बच्चों के हत्यारों की जल्द रिहाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे रामा राव ने आरोप लगाया कि महज़ राजनीतिक लाभ के लिए बच्चों के हत्यारों और बलात्कारियों को रिहा करना भाजपा के मानकों में नए स्तर की गिरावट है।