मध्य प्रदेश में अब शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो कि जब वहां से बलात्कार की कोई ख़बर सामने न आती हो। इधर दो दिनों में दो रेप की घटना ऐसी हुई हैं कि जिसने आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है। पहली घटना मंदिर में हुई है तो दूसरी सरकारी स्कूल में। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आख़िर बच्चियां अब कहां सुरक्षित हैं?
हाल के कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि जब भी भारत में किसी बीजेपी शासित राज्य या किसी हिन्दू संगठन से जुड़े हुए व्यक्ति और भाजपा नेता द्वारा बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया जाता है तो उसपर मीडिया से लेकर पूरा सरकारी तंत्र चुप्पी साध लेता है। यहां तक कि अगर ध्यान दिया जाए तो यह बात सामने आएगी कि भारतीय जनता पार्टी के नेता ऐसी घटनाओं की ओर आम जनमत का ध्यान भटकाने के लिए तुरंत यह कहना आरंभ कर देते हैं कि इस तरह की घटना तो कांग्रेस की समय ज़्यादा होती थी, या फिर कांग्रेस व अन्य पार्टी शासित राज्यों में भी तो इस तरह की घटनाएं होती हैं तो भाजपा शासित राज्य में हो गई तो क्या हुआ। यह हाल केवल भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता स्तर के नेताओं का नहीं है बल्कि शीर्ष नेताओं की ओर से भी इसी तरह की प्रतिक्रिया सामने आती है। जोकि काफ़ी अफ़सोसनाक और लज्जाजनक बात है। यूं तो मध्य प्रदेश में बलात्कार की ख़बरें आम हैं। घर से लेकर होटलों में तक में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। लेकिन अब सरकारी स्कूलों, मंदिरों और स्वयं के घरों में रेप की सामने आने वाली घटनाएं हिला देने वाली है। आरोपी कोई और नहीं खुद स्कूल के शिक्षक, मंदिर के पुजारी और पड़ोसी नाबालिग़ बच्चियों के साथ बलात्कार कर रहे हैं। क्योंकि बलात्कारियों को अब इस बात का विश्वास हो गया है कि अगर उनका संबंध किसी हिन्दू संगठन या भारतीय जनता पार्टी से है तो फिर क़ानून भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश के सतना ज़िले के मैहर में एक प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट से जुड़े दो लोगों को 12 वर्षीय नाबालिग़ लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि घटना गुरुवार को मैहर क़स्बे में हुई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बलात्कार के दोनों आरोपियों ने नाबालिग़ लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसके गुप्तांगों में कोई कठोर वस्तु घुसा दी थी। इस घटना ने तो भारत की प्रसिद्ध बलात्कार की घटना निर्भया को भी पीछे छोड़ दिया है। जहां निर्भया एक बालिग़ थी वहां यह एक 12 वर्षीय बच्ची है। सूत्रों ने बताया कि ख़ून से लथपथ और दर्द से कराह रही लड़की को मैहर में प्राथमिक इलाज देने के बाद बेहतर इलाज के लिए रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है और दोनों आरोपियों की पहचान रवींद्र कुमार रवि और अतुल बढ़ोलिया के रूप में की गई है। यहां केवल एक बात पीड़ित के परिवार वालों के लिए अच्छी नहीं रही वह यह थी कि आरोपी मुसलमान नहीं थे, नहीं तो अब तक उन्हें लाखों की आर्थिक सहयाता के साथ-साथ आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करके पीड़िता को न्याय मिल चुका होता।
इसके अलावा ताज़ा मामला आदिवासी बहुल बैतूल ज़िले के घोड़ाडोगरी ब्लॉक का है। सरकारी मिडिल स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर भीमराव लांजीवार ने गत 7 जुलाई को स्कूल में ही एक छात्रा के साथ बलात्कार किया। छात्रा के परिजनों ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई! क़रीब 20 दिन बाद 26 जुलाई को पुलिस ने बलात्कारी हेडमास्टर को गिरफ़्तार किया। बताया जाता है कि आरोपी हेडमास्टर भारतीय जनता पार्टी का सक्रिय नेता भी है। फिलहाल वह जेल में है। सरकार ने उसके निलंबन का आदेश जारी करके अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हेड मास्टर सातवीं और आठवीं की छात्राओं को पीने का पानी लाने के बहाने अपने कक्ष में बुलाता था और उनके साथ छेड़खानी करता था। क़रीब आधा दर्जन लड़कियों ने उसकी इन हरकतों का ख़ुलासा किया है। वह जान से मार देने की धमकी देता था इसलिए लड़कियां चुप रहीं। एक लड़की के साथ बलात्कार के बाद मामला खुला। हेड मास्टर के निलंबन के बाद सरकार चुप बैठ गई है। अब आगे क़ानून अपना काम करेगा। उसका काम कब पूरा होगा यह तो भगवान जाने! लेकिन बलात्कारियों के घर पर बुलडोज़र चलवाने वाले ‘मामा’ की नज़र भी इस ओर नहीं गई है। यही वजह है कि नाबालिग़ शिष्या के साथ बलात्कार करने वाले नरपिशाच हेडमास्टर का घर अभी तक सुरक्षित है। वहां दो दिन पहले राजधानी भोपाल की बैरसिया तहसील के सरकारी स्कूल में एक शिक्षक ने 14 साल की छात्रा से छेड़छाड़ की थी।