देश

बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला,जानिए किसने क्या कहा ?

नई दिल्ली :अपने 24साल पुराने 1994 के फैसले मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नही को 5 जजों की बेंच को भेजने से इनकार कर दिया है,सुप्रीम का मानना है कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नही है,इस फैसले के बाद अयोध्या के विवादित बाबरी मस्जिद राम मंदिर पर सुनवाई का रास्ता साफ होगया है।

सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद के मामले की सुनवाई अब 28 अक्टूबर से शुरू होगी। कोर्ट के फैसला सुनाने के बाद तमाम राजनीतिक दल और संगठनों की तरफ से इसे लेकर प्रतिक्रिया आ रही हैं। जानिए, पूरे मामले पर किसने क्या कहा?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ /RSS

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, ‘आज सर्वोच्च न्यायालय ने श्री राम जन्मभूमि के मुकदमे में तीन सदस्य पीठ के द्वारा 29 अक्टूबर से सुनवाई का निर्णय किया है, इसका हम स्वागत करते हैं और विश्वास करते हैं कि शीघ्रातिशीघ्र मुकदमे का न्यायोचित निर्णय होगा।

बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी

बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी के संयोजक वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘यह कतई भी मुस्लिम समाज के लिए झटका नहीं है। इसका मतलब है कि अब ट्रायल शुरू होगा। कोर्ट ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी 1994 के इस्माइल फारूकी केस के संबंध में है। मुझे लगता है कि कोर्ट का इतना कहना पर्याप्त है।’

विश्व हिंदू परिषद

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘मैं बेहद संतुष्ट हूं कि बाधाओं की हार हुई है। राम जन्मभूमि की याचिकाओं की सुनवाई के लिए अब रास्ता साफ हो गया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगीमहली ने कहा, ‘आज के फैसले के सकारात्मक पहलू यह है कि कोर्ट ने इस बात को साफ कर दिया है कि इस्माइल फारूकी केस का अयोध्या मामले पर कोई असर नहीं होगा। जहां तक मस्जिद, नमाज और धार्मिक पहलुओं की बात है तो यह एक स्थापित तथ्य है कि मस्जिद नमाज अदा करने के लिए बनवाई जाती हैं और वे हमारे धर्म का अभिन्न अंग हैं।’

उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘यह देश के हित में है कि राम जन्मभूमि से जुड़ा विवाद जल्द से जल्द खत्म हो जाए। देश की बड़ी आबादी इस विवाद का जल्द से जल्द समाधान चाहती है। हम अपील करते हैं कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला आए।’

ऑल इंडिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन

ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कहा “यह मामला अगर संवैधानिक पीठ को भेजा जाता तो ज्यादा अच्छा होता। मेरा एक और मानना है कि धर्मनिरपेक्षता के दुश्मन इस फैसले का इस्तेमाल अपनी वैचारिक जीत के तौर पर करेंगे।’