बाबरी मस्जिद गिराने और समाज को सांप्रदायिक बुनियादों पर बांट देने के आरोपी पूर्व उपप्रधानमंत्री को बड़ा पुरस्कार देने की घोषणा
भारत में सत्ताधारी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का एलान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसका एलान किया। उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए लिखा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा, मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी।
अब से क़रीब 10 दिन पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान किया गया था, केंद्र सरकार किसी एक साल में अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न का सम्मान दे सकती है।
वो बीजेपी के उन चेहरों में शामिल हैं जिन्होंने 1990 के दशक में श्रीराम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया था। नब्बे के दशक में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिरों को ‘मुक्त करने का’ अभियान चलाया और इसके अंतर्गत लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा की।
बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया जिसके बाद पूरे देश में भयानक दंगे भड़क उठे। कुछ टीकाकार कहते हैं कि इस घटना ने भारत में सांप्रदायिकता को ख़तरनाक रूप से बढ़ाया।
सोर्स : पारस टुडे हिंदी
रथ यात्रा निकालकर इस देश को सांप्रदायिक नफ़रत में झोंकने वाले शख्स को भारत रत्न पुरुस्कार देने का एलान हुआ है। कोई पूछे तो सही कि राष्ट्र निर्माण में आडवाणी का क्या योगदान है? उनकी रथ यात्रा जहां से भी गुज़री वह भारत की छाती को लहूलहान कर गई, हज़ारों सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए। दो समुदायों के बीच नफ़रत की दीवारें खड़ी कर दी गईं। ऐसे शख्स को भारत रत्न देना कितना उचित है? : वसीम अकरम त्यागी (पत्रकार)
Zakir Ali Tyagi
@ZakirAliTyagi
आडवाणी ने कोई ऐसा कार्य नही किया जिसके लिए उन्हें भारत का रत्न कहा जाये, लेकिन आज उन्हे भारत का रत्न घोषित कर भारत रत्न देने का ऐलान हुआ है, आडवाणी ने १९९२ में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए रथ यात्रा निकाली थी और इस देश की खुशबूदार फिज़ाओं में हमेशा के लिए ज़हर घोला इसके अलावा उन्होंने कोई कार्य किया हो तो बताये, समाज के लिए कोई संघर्ष किया हो तो बताये!
अफसोस जो भारत रत्न अवार्ड एपीजे अब्दुल कलाम, अटल बिहारी वाजपेई जैसे रत्नों के लिए होता था वो आज नफ़रत फैलाने वालों को देकर अब्दुल कलाम, अटल बिहारी वाजपेई जैसे रत्नों का अपमान किया जा रहा!
Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
रथ यात्रा निकालकर इस देश को सांप्रदायिक नफ़रत में झोंकने वाले शख्स को भारत रत्न पुरुस्कार देने का एलान हुआ है। कोई पूछे तो सही कि राष्ट्र निर्माण में आडवाणी का क्या योगदान है? उनकी रथ यात्रा जहां से भी गुज़री वह भारत की छाती को लहूलहान कर गई, हज़ारों सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए। दो समुदायों के बीच नफ़रत की दीवारें खड़ी कर दी गईं। ऐसे शख्स को भारत रत्न देना कितना उचित है?