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अम्मा के पेड़……लेखक-संजय नायक ‘शिल्प’ की एक शानदार कहानी!
संजय नायक ‘शिल्प’ ============= अम्मा के पेड़। बचपने में ही उनकी अम्मा चल बसी थी। पर उसे पेड़ पौधों से बहुत प्रेम था, उसने आँगन में तुलसा, सदाबहार, जामुन, नींबू, अमरूद और आम के पौधे लगाए थे। जब तक वो जीवित थी, पौधे वृद्धि करते रहे। पौधों के साथ दोनो भाई भी बड़े हो रहे […]
औरत को सपने में भी सुख नहीं मिलता
स्वामी देव कामुक ============= औरत क्या है ? इस सवाल का जवाब हर कोई अपने नजरिए से देता है एक नजरिया मेरा भी पढ़ लो। एक मांस का पुतला बाहर से सुन्दर और आकर्षित करती चमड़ी ओर उस चमड़ी को सजाया गया है नख से लेकर सर तक। तभी सुन्दर दिखती है । बिना श्रृंगार […]
हे बापू ! इहाँ समाजबाद हिन्द स्वराज कहलायेगा और वह किसानों के ग्राम स्वराज और पंचायती राज के रस्ते आगे बढ़ेगा!
Kavita Krishnapallavi ================= एक बार फिर दे रही हूँ! अनुरोध है, पढ़िएगा ज़रूर! पहले पढ़ा हो, तो भी! देवतुल्य रास्ट्रपिता गान्ही बाबा को हम भारतीय कमनिस्टों का सादर परनाम और लाले लाले लाल सलाम !! हे बापू ! हमने ‘रघुपति राघव राजाराम’ और ‘बैस्नव जन तो तेने कहिए’ याद कर लिया है और चरखा कातना […]