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#दिन_दिन_बढ़त_सवायो
मनस्वी अपर्णा ============ #दिन_दिन_बढ़त_सवायो लता जी गाया हुआ एक एलबम है “राम रतन धन पायो” श्री राम के भजनों का अद्भुत अद्वितीय संकलन है, मुझे दो कारणों से बेहद पसंद है, पहला कि ये सारे भजन मेरी आई गाया करती थी बड़े ही मधुर स्वर में और मुझे अच्छे से याद है बाबा ने ये […]
बहुत प्यारी होती है ”बेटियाँ” न जाने लोग बोझ क्यों समझते हैं!
Babita Devi ======== बेटी जब शादी के मंडप से ससुराल जाती है तब पराई नहीं लगती मगर जब वह मायके आकर हाथ मुंह धोने के बाद सामने टंगे टाविल के बजाय अपने बैग से छोटे से रुमाल से मुंह पौंछती है, तब वह पराई लगती है. जब वह रसोई के दरवाजे पर अपरिचित सी खड़ी […]
राष्ट्रीय चाटुकार बन गये….व्यंग्य-जयचंद प्रजापति
जयचंद प्रजापति · Allahabad · ============= व्यंग्य: राष्ट्रीय चाटुकार बन गये ………. कुछ साल पहले हमें चाटुकार होने की अनुभूति हुई। मिठास मिलने लगा। आनन्द की अनुभूति हुई। कुछ लोग कहे कि चाटुकार की फीलिंग से मतलब चटोरा….जी हुजूरी..हां हुजूरी..तलवे चाटना.. दुम हिलाना..आदि गुणों का होना होता है तो हमें लगा इस मामले में हम […]