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सबको आज़ादी चाहिए, किसी को माँ बाप से और किसी को अपने बच्चों से……”
Veenu Khosla ========= वृद्धाश्रम के दरवाजे पर रोज एक कार आकर लगती थी। उस कार में से एक नौजवान उतरता और एक बुढ़ी महिला के पास जाकर बैठ जाता। एक आध घंटे तक दोनों के बीच कुछ वार्तालाप चलती फिर वह उठकर चला जाता। यह प्रक्रिया अनवरत चल रही थी। धीरे-धीरे सबको पता चल गया […]
तुम्हारे पास के अच्छे लोग क्या तुम्हें दिखाई नहीं देते ?
Madhu Singh ================ अस्पताल की सीढ़ियां चढ़ते हुए अमित के पांव कांप रहे थे। कमरे में पहुंचते ही वह अपने पिता राकेश की हालत देखकर दुःखी हो गया। अपने भाई को आता देख सुमित की डबडबाई आंखें छलक पड़ीं और वह बोल उठा, “भैया जल्दी करो, पापा की सांसें रुक रही हैं “ अमित की […]
#कांटों_की_उलझन_क्या_जानों, तुम फूल बने हो, क़िस्मत है!
मनस्वी अपर्णा ============ एक नज़्म आप सभी की पेश ए ख़िदमत है जिसका उनवान है.. #कांटों_की_उलझन_क्या_जानों तुम फूल बने हो, क़िस्मत है! कांटों की उलझन क्या जानो पनपे हो सुख के साए में ये दुःख के बंधन क्या जानो इस महके संवरे गुलशन में है ख़ास तुम्हारी इक क्यारी माली ने सींचा है तुमको अपनी […]