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बिछुड़ने से पहले का दिन….
संजय नायक ‘शिल्प’ =========== चन्द्ररूपायनम ( बिछुड़ने से पहले का दिन….) “पार्वती, जो हो रहा है उसे रोक दो , अब रूपा ने हद पार कर दी है।” रूपा के पिताजी ने माँ से कहा। ” किया क्या है रूपा ने? ” ” अरे , मुझसे पूछती हो..?? पूरा शहर जानता है रूपा ने क्या […]
आज उसकी कोशिश, उसकी मुहब्बत, उसका गुरूर उसका यक़ीन जीत गया है….!!
Sukhpal Gurjar ================= सूरी बहुत सिंपल सा इंसान है, जिंदगी बहुत नाप तौल कर बिताई है उसने। मेहनत से पढ़ाई की, मेहनत से नौकरी कर रहा है। लोगो से नर्म लहजे में बात करता है, फॉर्मल पैंट के नीचे स्पोर्ट शूज पहनता है। कोई बुरी आदत नही है सूरी के अंदर, बस कभी कभार अपने […]
मेढकी ने लिखा ख़त मेढक को…..हास्य कथा-जयचन्द प्रजापति ’जय’ दुवारा
जयचंद प्रजापति ====== हास्य : मेढकी ने लिखा खत मेढक को ………… आखिर बारिश इतनी तेज हुई कि मेढक अपने मेढकी से बहुत दूर चला गया। अब एक तालाब में मेढकी दूसरे तालाब में मेढक के चले जाने से मेढकी को बहुत चिन्ता है। निराशा छा गयी है। इस भयंकर बारिश को गालियां मेढकी देर […]