साहित्य

बहुत अच्छे लोग हैं गुरद्वारा वाले….लम्बे वक़्त तक चेहरे पर मुस्कुराहट लाते रहेंगे!

Tajinder Singh
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निशब्द:…..
सुबह कोई पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए त्यार हो रहा था।अधखुली आंखो में, ब्रश कभी दांतो पर तो कभी जबड़ों पर घुमा रहा था।
तभी मोबाइल घुनघुनाया। फट से कूला किया और कॉल ली।

” हेलो भईया,हम दिल्ली पहुंच गए।अभी 6:30 की फ्लाइट है कोचीन की।सोचा बोर्डिंग से पहले आपको कॉल कर लूं।केरला में भी बारिश तेज है पता नहीं वहां भी मोबाइल चलेगा भी के नहीं….” दूसरी तरफ से राहत भरी आवाज आई।

मेरे अध निदराये चेहरे पर हल्की मुस्कान खिल उठी।ये “आदया” थी।केरला के किसी नवोदय विद्यालय की पूर्व छात्रा।बड़ी टूटी फूटी हिंदी में बोल रही थी।

चूंकि पूरे भारत के नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र अब एक मजबूत नेटवर्क के साथ कनेक्टेड हैं तो किसी भी प्रदेश में एक दूसरे को हर हाल में सहायता पहुंचा देते हैं।

हिमाचल आने से पहले आदया ने मुझे कॉन्टैक्ट किया था।मैने ही उनका सारा टूर प्रोग्राम डिजाइन किया था।

लेह से वाया मनाली होते हुए दिल्ली पहुंचने का प्रोग्राम था।परंतु भारी बरसात के कारण मनाली में ही फंस लिए।किसी संकरे रास्ते से निकल कुल्लू पहुंचे और फिर बजौरा से कमांध होते हुए रात को मंडी पहुंचे।अगले दिन सुभा दिल्ली के लिए।

“ग्रेट…” मैने जवाब दिया,” होप यू एंड योर फैमिली इज सेफ नाउ…”

” फीलिंग रिलैक्स्ड भाई.. ईट वाज टफ टाइम…केरला में भी चार साल पहले हुए था ऐसा पर इतना खतरनाक नहीं था… जब तक आपकी मंडी नहीं पहुंचे मेरी बेटियां एक मिनट के लिए रोने से नहीं रुकी।हसबैंड हाइली डिप्रेस्ड।।थैंक्स आपको की आप बात करते रहे।टैक्सी ड्राइवर वाज गुड।।मोबाइल तो चार्ज होता रहा गाड़ी में वर्ना पता नी क्या होता” आदया ने जवाब दिया।

“थैंक्स की जरूरत नहीं..” मैने जवाब दिया ,” हमारी रिस्पॉन्सिबिलिटी है ये…”

” थैंक्स वनस अगेन भाई.. यू आर अ ट्रू नवोदियन ” आदया ने फोन काटने से पहले आखिर बात कही,” एनी वेज मंडी वाले बहुत अच्छे हैं।जैसे ही हम मंडी पहुंचे तो गुरुद्वारा वालो ने हमे पानी पिलाया, फिर हमारी खैर खबर पूछी।रहने को कमरा दिया।रात के 12 बजे खाना खिलाया।नहाने के लिए पानी दिया, साबुन तक दिया।आज के जमाने में इतना कौन करता है भाई।कोई हजार पानी की बोतले तो गुरद्वारे वालों ने हाईवे पे रखी थी।आते जाते सबको पूछ रहे सरदार जी, पानी पिला रहे, चाय पिला रहे।बहुत अच्छे लोग गुरद्वारा वाले।।आप मंडी वाले।।नवोदय देखना रह गया मंडी पंडोह वाला… अगली बार पक्का देखूंगी।। ओके भाई… थैंक्स अगेन “

“ओके… टेक केयर ” मैंने भी हल्की मुस्कुराहट के साथ कॉल डिस कनेक्ट करी।


स्मार्ट वॉच बाजू पे पहनी और मॉर्निंग वॉक के लिए निकलने लगा।फोन को चार्जिंग के लिए लगाया तो ऐसे ही व्हाट्सएप पे नजर डाली।मेरे ही नवोदय विद्यालय के क्लास के ग्रुप में एक वीडियो मेरी एक क्लास फेलो ने शेयर किया था।वीडियो में मंडी के एक शिव मंदिर की स्तुति थी जो भयंकर बाढ़ से बच गया था।मंदिर के वीडियो में सनातन धर्म के महान होने के नारे थे,शिव की महिमा से मंदिर का बाल बांका न होने का शंखनाद था।

मानव निर्मित भवनों पर ईश्वरीय अनुकंपा का ये कोई पहला वीडियो नहीं था।इस से पहले बड़े ऐसे वीडियो मैने देखे हैं।सच बताऊं तो मुझे ऐसे विडियोज पे हंसी आती है।

मंडी छोटा काशी है।हाल ही की गिनती में मंडी शहर में ही 107 से ज्यादा छोटे बड़े मंदिर हैं।

अच्छा है।आपकी श्रद्धा आपका व्यक्तिगत मामला है। उस पर न ही तो कोई सवाल है ना ही कोई टिक्का टिप्पणी।

पर पिछले पांच दिन से एक भी ऐसा वीडियो नहीं मिला जिसमे मंडी गुरुद्वारा द्वारा की गई उत्कृष्ट मानव सेवा का वर्णन मिले।एक भी ऐसा वीडियो नहीं दिखा जिसमे मंडी के सिक्ख समुदाय की ऐसे विभत्स समय में मानवता के लिए रात दिन खड़े रहने की अनोखी जिद्द के लिए पीठ थपथपाई गई हो।

क्या हमारे 107 मंदिरों में से भी कोई मानव सेवा हेतु कृत संकल्पित था?

जो भी हो।
मंडी गुरुद्वारा को इस अतुलनीय, अद्वितीय सेवा हेतु कोटि कोटि धन्यवाद।

आदया अपनी दो छोटी बेटियों और पति सहित कल शाम केरला अपने घर पहुंच गई।पर उसके शब्द..” आप मंडी वाले बहुत अच्छे हो…” बड़े लम्बे वक्त तक चेहरे पर मुस्कुराहट लाते रहेंगे।

साभार..
सचिन ठाकुर,
प्रवक्ता भौतिक शास्त्र,
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग, की फेसबुक वाल
9418201289