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लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============ “नाजुक डोर…..!! मां…..बस अब बहुत हुआ …मैंने फैसला कर लिया है मुझे मोहनजी के साथ नहीं रहना बस…!! सुधा…. पागलों जैसी बातें मत कर …ये क्या पागलपन है अच्छा खासा परिवार बन रहा है तेरा मोहन एक अच्छा लडका है और तेरी एक बेटी भी है तू कैसे भूल सकती है […]
क़ितराह: एक सुगंध, जो सबके मन मस्तिष्क को खुशनुमा बना देना चाहती है-लेखिका- Sushma Gupta
चित्र गुप्त ================= क़ितराह: एक सुगंध, जो सबके मन मस्तिष्क को खुशनुमा बना देना चाहती है। ************ उपन्यास की नायिका क़ितराह या कितारा एक ऐसी लड़की है जिसका वर्णन पढ़कर एक बार, बस एक बार उसे देख लेने की चाह ही पूरे जीवन का उद्देश्य बन जाए। कितारा वही कस्तूरी है जिसकी तलाश में मृग […]
उलझा हुआ इंसान…..जो वो कर रहा है वो बदमाशी है, ग़लत है!
Tajinder Singh ============= उलझा हुआ इंसान….. एक छोटा बच्चा रसोई में घुस आटा बिखेर रहा था। माँ कहीँ व्यस्त थी। अचानक माँ ने देखा तो दूर से ही डांट लगाई। बच्चा हड़बड़ा गया और वहां से भाग निकला। एक छोटे बच्चे को भी धीरे धीरे सही गलत का ज्ञान हो जाता है। वो जानता है […]