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वीरांगनाएं पैदा नहीं होती, वीरांगनाएं पैदा की जाती हैं!!
Shikha Singh ========= वीरांगनाएं पैदा नहीं होती वीरांगनाएं पैदा की जाती हैं। जिस तरह नृत्यांगना पैदा नहीं होती बानाई जाती हैं। स्त्री के साहस और उसकी कला को प्रखर करने के लिये पुरुष को भी साथ देना होता है। जिस तरह अपने मनोरंजन के लिये उसका साथ प्राप्त करते हो तुम ,उसी तरह उसकी कला […]
हम सत्य हैं, हम नित्य हैं और आनंद स्बरूप हैं इस बात का बोध होना ही ‘ध्यान’ है : लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये
Laxmi Sinha ============== हम सत्य हैं, हम नित्य हैं और आनंद स्बरूप हैं इस बात का बोध होना ही ‘ध्यान’ है ______________________ जब चेतना का प्रकाश किसी भी परिस्थिति से प्रभावित नहीं होता तथा चेतना सदा आनंद में रहने लगती है,तब मनुष्य उस द्वार में प्रवेश कर जाता है,जहां ‘मैं’से परिचय होती है, यही ‘ध्यान’ […]
जिनमें उनका अधूरा यौन आचरण कुलांचें मारता है…
Arvind Verma एक साधारण स्त्री को बचकर रहना चाहिए छद्म बौद्धिक फेमिनिस्ट से, क्योंकि उनके दिमागों में भरी होती है विष्ठा, यौन कुंठा, रात्रि में विकृत भावों से पी गयी मदिरा की गंदी हंसी! एक साधारण स्त्री को बचकर रहना चाहिए, उन औरतों से, जिनकी सुबह और शाम अमीर बॉयफ्रेंड या अमीर पतियों की गालियों […]