उत्तर प्रदेश राज्य

बरेली में कांवड़ियों की पोल खोलने वाले एसएसपी प्रभाकर चौधरी के पिता का बयान-मैं अब BJP के ख़िलाफ़ रहूंगा, 10-20 इलाकों में भाजपा को जीतने नहीं दूंगा!

बरेली में कावड़ियों दुवारा दंगा भड़काने की कोशिशों को नाकाम बनाने वाले ईमानदार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का उत्तर प्रदेश की सरकार ने एक बयान आने के बाद एसएसपी IPS प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया है, एसएसपी का कसूर सिर्फ इतना रहा कि उन्होंने मीडिया में बयान दे कर सच्चाई सामने ला दी थी कि कावरियों के साथ अनेक लोग शराब के नशे में थे और उनके पास वैध हथियार भी थे, पुलिस ने जब कावरियों को एक रास्ते से न गुज़रने के लिए कहा तो उन्होंने पुलिस पर ही हमला बोल दिया था जिसके बाद बरेली पुलिस ने उपदर्वी कावरियों पर लाठी चार्ज कर दिया था

एक ईमानदार और निर्भीक अफसर के साथ हुए सरकारी अमल पर हर कोई एतराज़ जता रहा है, अब एक बयान अफसर के पिता की तरफ से भी आया है

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“मैं अब BJP के ख़िलाफ़ रहूंगा, 10-20 इलाकों में भाजपा को जीतने नहीं दूंगा, बेटे के ट्रांसफर से दुखी हूं”

◆ बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज करने वाले IPS प्रभाकर चौधरी के पिता पारस नाथ चौधरी का बयान

 

बरेली से हटाए गए एसएसपी प्रभाकर चौधरी के पिता एवं सेवानिवृत्त शिक्षक पारसनाथ चौधरी ने नाराजगी का इजहार किया है। कहा कि उनके बेटे ने काम अच्छा किया लेकिन नतीजा बुरा हुआ। 13 वर्ष की नौकरी में 18 बार स्थानांतरण झेलने वाले आईपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी जिले के टांडा क्षेत्र के महमदपुर गांव के मूल निवासी हैं। बरेली में कांवड़ियों पर बल प्रयोग के बाद एसएसपी के पद से प्रभाकर चौधरी को हटाए जाने के बाद से सोशल मीडिया व अन्य संचार माध्यमों पर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। मंगलवार को उनके पिता सेवानिवृत्त शिक्षक पारसनाथ चौधरी ने कहा कि बरेली में उनके बेटे ने साहसिक काम किया। कांवड़ियों के बीच कुछ लोग असलहे लेकर मौजूद थे।

बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज के तीन घंटे बाद ही एसएसपी प्रभाकर चौधरी के तबादले से उनके पिता पारसनाथ बेहद नाराज हैं। बताते हैं कि 13 वर्ष की नौकरी में यह उनका 18वां ट्रांसफर है। इसी को लेकर प्रभाकर के पिता पारस नाथ चौधरी ने अब सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रति नाराजगी दिखाई है। कहा कि लंबे समय से वे संघ और भाजपा के लिए काम करते रहे हैं। पर अब बीजेपी के खिलाफ ही रहेंगे। आसपास के इलाकों में बीजेपी को जीतने नहीं देंगे।

उन्होंने कहा कि उनकी ईमानदारी और किसी के दबाव में न झुकने पके कारण ही उनका ट्रांसफर होता रहता है। वो नेताओं से दूरी बनाकर रखते हैं। प्रभाकर उनकी बातों को नहीं सुनते क्योंकि नेता उनसे गलत काम करवाना चाहते हैं। जब प्रभाकर बीजेपी के नेताओं की बात नहीं सुनते तो वो उनसे नाराज हो जाते हैं। उन्हें ट्रांसफर की इतनी आदत पड़ गई है कि वो जिले में चार से छह महीने में खुद ही ऊब जाते हैं। उन्हें पता होता है कि उनका ट्रांसफर फिर से करवा दिया जाएगा. बरेली में कांवड़ियो पर लाठीचार्ज पर प्रभाकर के पिता ने कहा कि वहां उन्होंने अच्छा काम किया। अगर उस दिन जरा सी भी लापरवाही बरती जाती तो कई कांवड़िये जरूर मारे जाते। बोले कि मेरे बेटे ने बरेली में काम अच्छा किया लेकिन नतीजा बुरा मिला। अच्छे काम का उत्साहवर्धन करना चाहिए। आज मेरे बेटे के साथ कुछ लोगों को छोड़ सारा समाज खड़ा है।

पारसनाथ ने कहा कि मैं बरेली गया हूं। वहां के लोगों का व्यवहार अच्छा है। पढ़े लिखे लोग हैं। इसीलिए जब मेरे बेटे ने उन्हें समझाया तो वे जुलूस जाने देने को तैयार हो गए। हालांकि कांवड़ियाें की तरफ से उत्पात करने के चलते बल प्रयोग करना जरूरी हो गया था। कानून व्यवस्था का निर्णय मौके पर होता है। बंद कमरों में बैठकर नहीं। प्रभाकर के पिता ने कहा कि मैं लंबे समय से आरएसएस व भाजपा से जुड़ा रहा हूं। मेरे बेटे के साथ जो व्यवहार किया गया वह ठीक नहीं है। कहा कि अब सत्तारूढ़ दल का समर्थन नहीं करेंगे। कहा कि हमारे संस्कार खुद की प्रगति की बजाए समाज की सेवा व मदद करने के हैं।

 

 

 

Abu Asim Azmi
@abuasimazmi
जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन आतंकी हमला हेट स्पीच के ज़रिए समाज में फैलाई गई नफरत का नतीजा है। आज मुसलमानों का बुर्का पहनकर, दाढ़ी रखकर ट्रैन में सफर करने दिल नहीं हो रहा है, क्या पता कौन किसको कब मार दें।

सड़क से लेकर सदन तक कट्टरपन्तियों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ आक्रोश मोर्चे, लव जिहाद, लैंड जिहाद, औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह – जैसा प्रोपोगंडा चलाया जा रहा है ताकि देश का माहौल ख़राब हो सके।

मेरी मांग है की सरकार हेट स्पीच के खिलाफ आतंकी क़ानून बनाए।