उत्तर प्रदेश राज्य

बरेलवी मसलक की मशहूर हस्ती अज़हरी मियाँ के इंतेक़ाल से मुरीदों में दौड़ी शोक की लहर

बरेली:भारत में बरेलवी मसलक की मशहूर हस्ती बड़े आलिम दीन जानशीन मुफ़्ती -ऐ-आज़म मौलाना अख्तर रज़ा खाँ अजहरी मियाँ का आज रात में इंतेक़ाल होगया है,जिसकी खबर देशभर में फैल गई और उनके लाखों मुरीदों को बड़ा गहरा सदमा पहुँचा है,इंतेक़ाल की खबर से काफी लोग सदमे में हैं।

ताजुश्शरिया अजहरी मियां की गिनती एशिया में अहले सुन्नत वल जमात की एक बड़ी हस्ती में होती रही है। भारत पाकिस्तान बंग्लादेश के अलावा दुनिया भर मे उनके लाखों की तादाद में मुरीद है। उनकी गिनती विश्वभर के प्रसिद्ध आलिमों में होती रही है।

2011 में वे अमेरिका की जार्ज टाउन यूनिवर्सिटी के इस्लामिक क्रिश्चियन अंडरस्टेंडिंग सेंटर की ओर से किये जाने वाले सर्वे में 28वां स्थान पर आए। इसके अलावा जॉर्डन की रॉयल इस्लामी स्ट्रेजिक स्टडीज़ सेंटर के 2014-15 के सर्वे में उन्हें 22 वें स्थान पर रखा गया।

2 फरवरी 1943 को जन्मे अजहरी मियां बरलेवी आंदोलन के संस्थापक अहमद रजा खान के वंशज हैं। उन्होंने सन 2000 में बरेली में इस्लामिक स्टडीज जमीरूर रजा के नाम से एक इस्लामी धर्मशास्त्र केंद्र की स्थापना की थी।

उन्होने विज्ञान, धर्म और दर्शन सहित कई विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर कई किताबें लिखी हैं। अज़हरुल फतवा के खिताब से फतवा का संग्रह उनका विशाल कार्य है।

उन्होंने कई अनुवाद भी किए। जिनमे अल-हक्कुल मोबेन दिफा कंजूल इमान, टी.वी.विडियो का शराई ऑपरेशन, मिरातुन नजदीयाह, तस्वीरों का शराई हुक्म (फोटोग्राफी), शराह हदीस ए नियत आसार ए कयामत आदि है।