बदायूं के बिल्सी थाना इलाके के गांव परौली में मंगलवार तड़के सनसनीखेज घटना सामने आई। यहां एक बाप ने बेटी नीतू (19) और उसके प्रेमी जयपाल उर्फ सचिन (20) की फावड़े से काटकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने बाद नीतू के पिता ने खून से सने फावड़े के साथ थाने जाकर समर्पण कर दिया।
पुलिस ने वारदात में शामिल नीतू की मां को भी गिरफ्तार कर लिया है। पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। नीतू और सचिन अलग- अलग जाति के थे। ग्राम परौली निवासी जयपाल हरियाणा में टैक्सी चलाता था।
पुलिस के मुताबिक उसका काफी समय से पड़ोस में रहने वाली नीतू पुत्री महेश से प्रेम संबंध थे। नीतू कोरी और जयपाल कडेरे जाति का था। इस कारण नीतू के परिजन एतराज करते थे। जयपाल शनिवार को हरियाणा से आया था। सोमवार रात करीब दस बजे नीतू जयपाल के घर आ गई।
परिवार वाले रातभर नीतू की तलाश करते रहे। शक होने पर मंगलवार सुबह करीब साढ़े चार बजे महेश और उसके परिवार के लोग लाठी-डंडे और फावड़ा लेकर जयपाल के घर पहुंचे। उन्होंने जैसे ही दरवाजा खटखटाया, जयपाल और नीतू घर से निकलकर भागने लगे। तभी आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। घर के सामने ही फावड़े से काटकर दोनों की हत्या कर दी।
खूंटे में न फंसती पैंट तो बचकर भाग जाता जयपाल
जयपाल के घर के सामने सड़क पर भैंस बांधने के खूंटे गड़े हैं। दरवाजा खोलने के बाद नीतू और जयपाल घर से निकलकर भागे तो नीतू कुछ आगे निकल गई लेकिन जयपाल की पैंट खूंटे में अटक गई, जिससे वह सड़क पर गिर गया। तभी महेश और उसके परिवार वाले उस पर टूट पड़े। बताते हैं कि नीतू ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन इसी दौरान परिवार वालों ने उसकी भी हत्या कर दी।
बाहर चीख रहा था जयपाल, अंदर से जान की भीख मांग रहा था परिवार
सुबह 4:30 बजे का वक्त था। गांव में कहीं कोई व्यक्ति सड़क पर दिखाई नहीं दे रहा था। उस वक्त सूरजपाल के घर पर आफत टूट पड़ी। जैसे ही प्रेमी युगल घर से बाहर भागा, नीतू के परिवार वालों ने घेर लिया। उस पर लाठी-डंडों और फावड़े से वार करना शुरू कर दिए। जयपाल और घर के अंदर से परिवार वाले उसकी जान बख्श देने की गुहार लगाते रहे लेकिन हत्यारों ने उनकी एक नहीं सुनी। जयपाल तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़ा था। वह हरियाणा में टैक्सी चलाता था। पिता मजदूरी करते हैं। उनके नाम जमीन नहीं है। पिता और जयपाल की कमाई से ही घर का खर्चा चल रहा था।
दो साल पहले जयपाल से मिलने हरिद्वार पहुंच गई थी नीतू
जयपाल के परिवार वालों को उसकी जान का खतरा करीब दो साल से था। तब से परिवार वाले उसे घर से दूर रख रहे थे लेकिन वह कभी नीतू से दूर नहीं हुआ। वह अक्सर उससे मोबाइल पर बात करता था। करीब दो साल पहले नीतू घर छोड़कर उससे मिलने हरिद्वार पहुंच गई थी। तब भी दोनों परिवारों के बीच जमकर विवाद हुआ था। हालांकि उस वक्त जयपाल के परिवार वाले नीतू को हरिद्वार से ले आए थे और उसे परिवार वालों के हवाले कर दिया था।